व्यवसाय

ऑन लाइन कंपनी फ्लिपकार्ट, अमेजॉन और साथ ही साथ मोबाइल मैन्युफैक्चर कंपनियों के साथ साठ-गांठ का मामला उजागर हुआ है





कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने सीसीआई द्वारा ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ जो जांच शुरू कर दी है इसका स्वागत करते हुए बताया कि पूर्व में कई बार हमने सरकार से इस विषय पर आग्रह किया गया था कि यह ऑनलाइन कंपनियों हिंदुस्तान में ऑनलाइन व्यापार के बनाए गए नियमों की सरे आम धज्जियां उड़ाकर व्यापार कर रहे हैं जिससे खुदरा व्यापार के छोटे-छोटे दुकानदारों को उनके व्यापार में हानि हो रही है।

ऑल इंडिया मोबाइल एसोसिएशन (aimra) के राष्ट्रीय चैयरमैन कैलाश लखानी बताया कि कंपटीशन कमिश्नर ऑफ़ इंडिया (सीसीआई) इस पर पूरी जांचकर रही है।

इस जांच में यह पता लगा है कि फ्लिपकार्ट और अमेजॉन की एसोसिएट कंपनियां है इन कम्पनी के सारे फैसले फिल्पकार्ड, एमेजॉन कंपनियां ही ले रहे थे और यह कंपनियां डायरेक्टर b2c बिजनेस कर रही थी जिसकी की परमिशन इनको नहीं है और अमेजॉन की और फ्लिपकार्ट की मोबाइल कंपनियों के साथ साठ–गाठ पाई गई है जैसे कि सैमसंग, वीवो, ओप्पो, वन प्लस, एम आई, रियलमी जैसी यह कंपनियां जो भी नए मॉडल लॉन्च करती थी और सबसे पहले अमेजॉन और फ्लिपकार्ट में ही देती थी और मेन लाइन रिटेलर्स (खुदरा बाजार) को यह मॉडल उपलब्ध नहीं कराती थी यह सारी चीज जांच में निकाल कर सामने आई है।

सीसीई द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सीसीई अब इन कंपनियों को नोटिस भेजेगा इसके साथ-साथ सीसीआई को जांच में 52 एंट्रीज मिली है जिसकी जांच सीसीआई अपने तरीके से करेंगी और यह सच पाई गई तो हिंदुस्तान के सबसे बड़ा घोटाला केस होगा सीसीआई के द्वारा इन ऑन लाइन कम्पनी पर 1000 करोड़ से भी ज्यादा की पेनल्टी लगाई जा सकती है और मोबाइल मैन्युफैक्चरर कंपनियां एवं फ्लिपकार्ट,अमेजॉन से सीसीआई तीनों से जवाब मांगा गया लेकिन तीनों ने ही मीडिया के कोई भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया।

कैट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने सीसीआई द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह हिंदुस्तान के लिए सबसे बड़ा खुलासा हो सकता है। सच्चाई सामने आने पर अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के उच्च अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है इस तरीके से ही ऑनलाइन कंपनियों जो नियमों का उल्लंघन करके व्यापार कर रही है इसका कामयाजा मेन लाइन रीटेल्स (खुदरा व्यापारी) को भुगतना पड़ रहा है कस्टमर को कई प्रोडक्ट मेन लाइन में न उपलब्ध कराना या कई दिनों के बाद देना और ऑनलाइन कंपनियों को तुरंत दे देना इस पर भी बहुत बड़ा खुलासा सामने आने वाला है।

कैट के प्रदेश सचिव एवम जबलपुर मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सेठी ने कहा कि ऑनलाइन कंपनियां एवं मोबाइल मेनूफेक्चर कंपनियां एवं कुछ बैंक जिनके की क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड के ऑफर में भी भिनताएं रहती है, बैंकों के द्वारा भी कुछ अजीबोगरीब ऑफर चलाए जाते हैं डेबिट कार्ड एवम क्रेडिट कार्ड से मोबाइल खरीदो (कुछ कम्पनी के कुछ मॉडल पर लागु) तो डिस्काउंट नहीं मिलता और अगर उसी मोबाइल को इसी कार्ड के खरीदते समय ईएमआई पर (किश्तों में) लेने पर ऑफर डिस्काउंट मिलेगा इसका मतलब की तुरंत पेमेंट करने वाले को डिस्काउंट नहीं उधार वाले को डिस्काउंट इस तरह की भिन्नता नहीं होना चाइए।

सेठी ने बताया कि कुछ मोबाइल कंपनियां इन ऑनलाइन कंपनियों के साठ-गांठ कर उनको अलग तरीके से फायदा पहुंचाने का काम करती है कुछ ऑफर्स ऐसे होते हैं जो अलग-अलग बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड द्वारा कस्टमर को ऑनलाइन खरीदी पर तुरंत डिस्काउंट दे दिया जाता है और यही ऑफर मेन लाइन, (खुदरा बाजार) में कस्टमर द्वारा बैंक के क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड की खरीदी पर ऑफर का रिफंड अमाउंट दो महीने बाद आता है इस तरीके की भिन्नताएं की भी जांच होना बहुत आवश्यक है।

Share With