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वीर सावरकर का विरोध करने वालों को जेल भेजो: राउत





नई दिल्ली। शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक बार फिर विनायक दामोदर सावरकर की आलोचना करने वालों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध करने वालों को दो दिन के लिए उसी जेल में भेज देना चाहिए, जहां सावरकर को अंग्रेजों ने रखा था ताकि उन लोगों को उनके संघर्षों का एहसास हो सके।

राउत के इस बयान से वैचारिक रूप से भिन्न कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में साझेदारी कर रही उनकी पार्टी के लिये मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। कांग्रेस सावरकर को देश का शीर्ष नागरिक सम्मान दिये जाने के विरूद्ध है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने एक दिन पहले कहा था कि अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सावरकर को भारत रत्न दिया तो हम इसका विरोध करेंगे। राउत ने कहा, सावरकर के योगदान और ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें हुई कठिनाइयों के बारे में किसी को तब ही पता चल सकता है जब उसे अंडमान की उसी सेल्युलर जेल और सेल में दो दिन के डाल दिया जाए, जहां सावरकर को रखा गया था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिसंबर, 2019 में ‘भारत में बलात्कार’ संबंधी अपने बयान पर यह कहते हुए माफी मांगने से इनकार कर दिया था, मेरा नाम राहुल गांधी है, न कि राहुल सावरकर। उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया था।

अतीत में डुबकी लगाने की जरूरत नहीं: ठाकरे
राउत के बयान पर महाराष्ट्र के मंत्री और युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने कहा कि अतीत में डुबकी लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि किस हैसियत से राउत ने यह बयान दिया। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र विकास अघाड़ी लोगों की आकांक्षाओं की बात करती है। कई लोगों को इस बात से बुरा लग रहा है कि कांग्रेस और शिवसेना के बीच कोई टकराव नहीं है।

आदित्य ठाकरे ने कहा, विभिन्न विचारधाराएं होने के बावजूद दोनों दल देश और राज्य के हित में साथ आए। लोकतंत्र का मतलब है कि विभिन्न विचारधाराएं देशहित में मिलकर काम कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता आंदोलन के सभी दिग्गजों का सम्मान करते हैं।

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