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साईं बाबा जन्मस्थान विवाद: आज शिरडी पूरी तरह बंद, मंदिर खुला





शिरडी। महाराष्ट्र के शिर्डी में साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर विवाद बढ़ गया है। शिरडी के साईं भक्तों ने रविवार से दो दिन का शिरडी बंद का ऐलान कर दिया है। हालांकि साईं मंदिर खुला रहेगा। सीएम उद्धव ठाकरे ने साईं जन्मस्थान के विकास के नाम पर 100 करोड की रकम प्रदेश के परभणी जिले के पाथरी इलाके को देने के सरकारी ऐलान के बाद शिर्डी और पाथरी के बीच विवाद शुरू हो गया है। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के विरोध में शिर्डी में दो दिनों तक दुकान और होटल बंद रखने का शिर्डीवासियों ने ऐलान कर दिया है।

कहते हैं कि भगवान तो सर्वव्यापी और सर्वजन के होते हैं लेकिन भक्त शायद इस गूढ़ बात को नहीं समझते। यही वजह है कि साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर विवाद छिड़ गया है। विवाद तो पहले भी था लेकिन इसमें आग में घी डालने का काम किया है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस ऐलान ने जिसमें पाथरी गांव के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए देने की बात कही गई है।

शिर्डी के लोग इससे खफा हैं। शिर्डी वाले इस बात को लेकर खफा नही है कि पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं, उनका कहना है कि पाथरी को साईबाबा का जन्मस्थान ना बताया जाए। इसी बात को लेकर शिर्डी के लोग बेमियादी बंद की तैयारी में जुटे हैं। वहीं पाथरी के लोगों का कहना है कि साई का जन्मस्थान तो पाथरी ही है और ये बात अब तक की कई शोध में साबित हो चुकी है। साई के भक्त विश्वास खेर ने 37 साल तक रिसर्च के बाद ये बताया था कि साई बाबा की जन्मस्थली पाथरी गांव ही है।

फिलहाल पाथरी गांव में साईबाबा का कोई वंशज नहीं रहता है। उनके वंशजों में से एक डीआर भुसारी हैदराबाद में रहते हैं तो दूसरे वंशज डाक्टर भुसारी निजामाबाद में रहते हैं। साल में एक बार जदब पाथरी में साई उत्सव होता है तो वो शामिल होने के लिए आते हैं।

पाथरी की वैष्णव गली में साईबाबा का पुश्तैनी घर हैं। साईबाबा पर 1975 से 1994 तक शोध करने वाले विश्वास बाल खेर का दावा है कि साईबाबा का जन्मस्थान यही है। 1994 में इस घर की खुदाई की गई थी। उस दौरान जो चीजें खुदाई में बरामद हुई उन्हें साई मंदिर की तल मंजिल में सहेज कर रखा गया है।

पाथरी में साईबाबा जन्मस्थान कृति समिति के अध्यक्ष और विधान परिषद के सदस्य बाबा जानी दुर्रानी शिरडी के लोगों को समझाने बुझाने मे लगे हैं। उनका कहना है कि ऐतिहासिक दस्तावेज इस बात के गवाह हैं कि साई की जन्मस्थली पाथरी है। साईबाबा ने लोगों को श्रद्धा और सबूरी का संदेश दिया है। लेकिन आज उनके समाधिस्थ होने के बरसों बाद उनके भक्त छोटे से विवाद को लेकर भिड़े हुए हैं।

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