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पाकिस्तान लश्कर और जैश पर काबू पाने में विफल: अमेरिका





वाशिंगटन। अमेरिका की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों पर काबू नहीं कर पा रहा है। लश्कर और जैश में धन उगाहने और भर्ती करने की प्रक्रिया अभी भी चालू है। पाकिस्तान इन संगठनों को सीमित करने में विफल रहा है। देश के बाहर हमलों को अंजाम देने वाले कई आतंकी संगठन 2018 में पाकिस्तानी सरजमीन से अपनी गतिविधियों का संचालन करना जारी रखे थे।

अमेरिकी विदेश विभाग ने संसद के प्रस्ताव पर 2018 के लिए आतंकवाद पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार ने अफगान सरकार और तालिबान में राजनीतिक सुलह को समर्थन देने की बात कही। लेकिन पाकिस्तान स्थित पनाहगाहों से संचालित हो रहे आतंकी समूहों और हक्कानी नेटवर्क को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जो अफगानिस्तान में अमेरिका और अफगान बलों के लिए खतरा हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ये संगठन पाकिस्तान में आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं और उन्हें ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। यही नहीं लश्कर से जुड़े कुछ लोगों को पाकिस्तान में जुलाई के आम चुनावों में उतरने का मौका भी दिया गया था। रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान सरकार लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के रकम जुटाने, भर्ती करने और प्रशिक्षण को उल्लेखनीय रूप से सीमित करने में विफल रही।

पाकिस्तान की राष्ट्रीय कार्य योजना में यह कहा था कि किसी भी सशस्त्र आतंकवादी संगठन को देश में काम करने की इजाजत नही देगा। इसके बावजूद देश के बाहर आतंकी हमलों को अंजाम देने में लगे कुछ आतंकी संगठन 2018 में पाकिस्तानी जमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। जिनमें हक्कानी नेटवर्क, जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा शामिल हैं।

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