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निर्भया गैंगरेप केस: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज की आरोपी मुकेश की दया याचिका





नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के गुनहगार मुकेश कुमार की दया याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुकेश की दया याचिका बीती रात राष्ट्रपति भवन भेज दी थी, और साथ ही उसे खारिज करने की सिफारिश की थी।

मुकेश ने 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति दया की गुहार लगाई थी। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मुकेश समेत चार दोषियों को फांसी देने के लिए 22 जनवरी का डेथ वॉरंट जारी किया था। हालांकि, मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने ही 7 जनवरी को चारों दोषियों, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी करते हुए फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की थी। हालांकि, दोषियों के पास राष्ट्रपति से दया याचिका दायर करने का आखिरी विकल्प बचा था। ऐसे में मुकेश ने क्षमा दान याचिका दी जिसे आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि मुकेश की मर्सी पिटिशन खारिज होने की सूचना मंत्रालय को मिल चुकी है। हालांकि, अभी तीन और दोषियों के पास राष्ट्रपति से क्षमादान मांगने का विकल्प बचा हुआ है।

16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुई इस खौफनाक घटना के एक अन्य दोषी विनय शर्मा की माफी याचिका भी राष्ट्रपति के पास पहुंची थी, लेकिन उसने बाद में यह कहते हुए अर्जी वापस ले ली थी कि इसके लिए उसकी राय नहीं ली गई थी। जेल नियमों के तहत अगर किसी एक केस में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी की सजा मिली हो तो जब तक सभी आरोपियों के सारे कानूनी उपचार के विकल्प खत्म नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती है।

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