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CAA के खिलाफ कांग्रेस की ‘शांति यात्रा’, सीएम कमलनाथ ने कहा- धर्म विरोधी कानून मध्यप्रदेश में लागू नहीं होगा





भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस ने भोपाल में ‘संविधान बचाओ न्‍याय शांति यात्रा’ निकाली। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस शांति मार्च में शामिल हुए और केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा जनता का ध्यान मोड़ने की राजनीति करती है। आज हमने जो शांति मार्च किया है यह सिर्फ भोपाल और प्रदेश के लिए नहीं, यह देश के लिए है। आज हम देश के दिल से यह संदेश देना चाहते हैं कि किस तरह केंद्र सरकार देश को तोड़ना चाह रही है।

उन्होंने कहा कि प्रश्न ये नहीं है कि कानून में क्या लिखा है, प्रश्न यह है कि इसमें क्या नहीं लिखा। प्रश्न यह नहीं है कि इसका क्या उपयोग होगा। प्रश्न यह है कि इसका क्या दुरुपयोग होगा। इनके गृह राज्यमंत्री ने संसद में कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू होगा, हम एनआरसी को मध्य प्रदेश में लागू नहीं होने देंगे। जो कानून संविधान विरोधी, देश विरोधी, धर्म विरोधी हो ऐसा कोई भी कानून मध्य प्रदेश में लागू नहीं होगा। एनआरसी और सीएए का अंदरुनी लक्ष्य कुछ और है।

सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमें देश की संविधान और संस्कृति की रक्षा करनी है। इस दौरान बड़ी संख्या में सरकार के मंत्री समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए। भोपाल के रंगमहल चौराहे से इस मार्च की शुरुआत हुई जो मिंटो हॉल तक चला। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए हमें सड़क पर उतरना पड़ा है। इंदौर में भी शांति मार्च निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता शामिल हुए।

इसमें बड़ी संख्या में सोशल एक्टिविस्ट के अलावा अधिवक्ताओं और अन्य पेशों से जुड़े लोग भी शामिल हुए। संविधान बचाओ न्‍याय शांति यात्रा निकाल रहे कांग्रेस नेताओं का कहना था कि ये कांग्रेस के नेता सड़कों पर नहीं उतरे हैं, ये देश की जनता है जो लोकतंत्र और देश की एकता के लिए इस प्रदर्शन में शामिल हुई है। गैर भाजपा विचारधारा वाले संगठन के लोग भी इसमें शामिल हुए हैं। मार्च में सभी लोग सीएए और एनआरसी के खिलाफ हाथों में बैनर लेकर चले।

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