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छत्तीसगढ़: 10 साल पहले हुए मदनवाड़ा नक्सली हमले की होगी जांच





जस्टिस शम्भूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन

रायपुर। सरकार ने 10 साल बाद मदनवाड़ा हमले के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। जस्टिस शम्भूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। बता दें, 12 जुलाई 2009 को मानपुर थाना क्षेत्र के कोरकट्‌टी में एसपी विनोद कुमार चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शहीद चौबे को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।

वहीं इस घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर के रख दिया था। इस हमले के बाद रमन सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे। पर्याप्त सुरक्षा ना होने पर एसपी और उनकी टीम की सुरक्षा पर लगातार विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सवाल खड़े किए। घटना की एफआईआर मानपुर थाने में दर्ज की गई थी। मगर 2009 में तत्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता की जांच प्रणाली सुस्त थी। जिससे आईजी सवालों के घरे में आ गए थे। वैसे इस मामले की कई स्तर पर जांच हो चुकी है, लेकिन इस न्यायिक आयोग को 9 बिंदुओं पर जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

ये हैं जाँच के बिंदू-

घटना किन परिस्थितियों में हुई?
क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था?
सुरक्षा निर्धारित प्रक्रियाओं और निर्देशों का पालन किया गया था?
किन परिस्थितियों में एसपी और सुरक्षाबलों को अभियान में भेजा गया?
हमले के बाद क्या एक्शन लिए गए, अतिरिक्त बल भेजा गया या नहीं?
मुठभेड़ में माओवादियों को हुए नुकसान और उनके मरने और घायल होने की जांच
सुरक्षा बल किन परिस्थितियों में घायल हुए अथवा मरे
क्या घटना को रोका जा सकता था?
घटना से पहले, उस दौरान और बाद में कौन से मुद्दे इससे संबंधित थे?
राज्य और केंद्रीय फोर्स के बीच तालमेल था या नहीं?

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