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ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोकने का लिया फैसला





नई दिल्ली। विकसित देशों की फंडिंग पर टिकी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को एक और झटका ऑस्ट्रेलिया से लगा है। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली अरबों यूएस डॉलर की मदद रोकने के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी उसे द्विपक्षीय मदद रोकने की योजना बनाई है। फंडिंग रोकने का कारण कश्मीर पर भारत-पाक तनाव और पाकिस्तान में आतंक व अस्थिरता को बताया गया है।

यानी जल्द ही पाक को ऑस्ट्रेलिया से मिलने वाली 1.9 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (एक अरब 99 करोड़ 68 लाख 80 हजार पाकिस्तानी रुपये) की मदद रुकने वाली है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश और व्यापार मंत्रालय ने इस आशय की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि पाकिस्तान को अब तक यह मदद वहां की गरीब महिलाओं और लड़कियों की मदद के लिए दी जाती थी लेकिन यह रकम पाक को बंद करके प्रशांत महासागर की नई प्रतिबद्धताओं के लिए रि-डायरेक्ट की जाएगी।

रिपोर्ट में पाकिस्तान के सुरक्षा हालात अस्थिर और विस्फोटक बताते हुए कहा गया है कि फरवरी 2019 में सैन्य आदान-प्रदान में कश्मीर पर भारत-पाक तनाव अधिक था। इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं जहां कई ऑस्ट्रेलियाई वित्त पोषित सहायता कार्यक्रम संचालित होते हैं।

ऑस्ट्रेलिया की विदेशों को दी जाने वाली कुल आर्थिक मदद 2013 के बाद से 27 फीसदी घटी है और वर्तमान में वह अपने कुल खर्च का 0.82 फीसदी ही फंडिंग में देता है। इस कटौती के बावजूद ऑस्ट्रेलिया की मोरिसन सरकार ने प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है और 2019-20 में इस क्षेत्र में 1.4 अरब डॉलर वित्तीय सहायता में खर्च किए गए। इस नीतिगत बदलाव के पीछे एक वजह ऑस्ट्रेलिया के आस-पास के क्षेत्रों में चीन के प्रभाव का बढ़ना भी है।

ऑस्ट्रेलिया ऐड प्रोग्राम के एक विश्लेषक प्रोफेसर स्टीफेन हुवेस ने कहा, यह शर्मिंदगी का विषय है कि पाकिस्तान के विकास कार्यों की कीमत पर प्रशांत क्षेत्र में वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है। कोई भी ऐसा दावा नहीं कर सकता है कि पाकिस्तान से ज्यादा प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक मदद की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार का पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोकने का फैसला 2015 की उसकी नीति से बिल्कुल उलट है।

उस वक्त ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान के लिए निवेश की घोषणा करते हुए कहा था कि दक्षिण एशिया में रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण पाकिस्तान से उसके हित जुड़े हुए हैं। मोरिसन सरकार ने अप्रैल में ऐड बजट समरी जारी करते हुए कहा था, पाकिस्तान में लैंगिक असमानता चरम पर है और 10 में से 9 पाकिस्तानी महिलाओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है।

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान के साथ साझा हितों के क्षेत्र में काम करना जारी रखेगा जिसमें व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग, मानवाधिकार और क्षेत्रीय सुरक्षा शामिल हैं।

हालांकि, पाकिस्तान क्षेत्रीय फंडिंग और ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप के रूप में कुछ मदद मिलती रहेगी। मिकाह ऑस्ट्रेलिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर टिम कोस्टेलो ने कहा, मोरिसन सरकार पाकिस्तान से किनारा कर रही है। हम प्रशांत क्षेत्र में आगे बढ़ने का समर्थन करते हैं लेकिन यह पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया ने 2009 में पाकिस्तान को 7 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद की थी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। बता दें कि अमेरिका ने भी पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में भारी कटौती की है। पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान ने उनके देश को बेवकूफ बनाने के अलावा कुछ नहीं किया।

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