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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश पर आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला





नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज का दिन काफी गहमागहमी वाला रहने वाला है। शीर्ष अदालत आज सबरीमाला पर दाखिल रिव्यू पिटीशन पर फैसला सुनाएगा। अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ही इन दोनों मामलों पर फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला स्थित अयप्पा मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर फरवरी में फैसला सुरक्षित रखा था।

उच्चतम न्यायालय सबरीमाला मामले में 56 पुनर्विचार याचिकाओं, चार ताजा रिट याचिकाओं और मामला स्थानांतरित करने संबंधी पांच याचिकाओं समेत 65 याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। ये याचिकाएं उसके फैसले के बाद दायर की गई थी। सबरीमाला पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद केरल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 28 सितंबर 2018 के उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद 6 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष न्यायालय ने मशहूर अयप्पा मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर लगे रोक को हटा दिया था।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मंदिर परिसर के आसपास 10 हजार पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही 16 नवंबर से मंडलम मकर विलक्कू उत्सव शुरू हो रहा है। दो महीने तक चलने वाले इस वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा कि इस साल तीर्थयात्रा के दौरान सबरीमाला के आसपास कड़ी सुरक्षा रखी जाएगा और 10017 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है। मान्यता ये है कि 12वीं सदी के भगवान अयप्पा नित्य ब्रह्मचारी माने जाते हैं। जिसकी वजह से मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। इस साल जनवरी में 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने पुलिसकर्मियों के साथ मंदिर में प्रवेश किया था। उन्होंने वहां पूजा भी की थी। हालांकि, इसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था।

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