छत्तीसगढ़

सीएम भूपेश बघेल ने शिक्षक बनकर बच्चों को सुनाई ‘चलब भौंरा चलाबो’ कहानी





दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को भिलाई में स्कूल शिक्षा विभाग और लैग्वेज लर्निंग फांउडेशन द्वारा आयोजित ‘नींव और भाषा पिटारा’ कार्यक्रम में शिक्षक बनकर बच्चों को ’चलब भौंरा चलाबो’ कहानी सुनाई। उनके कहानी सुनाने का अंदाज बिल्कुल नये लर्निंग आउटकम के तरीकों पर आधारित था।

उन्होंने बच्चों से पहले भौंरा के बारे में बताया, फिर कहा कि अगर भौंरा दो और बच्चे तीन हों तो कैसे खेलोगे। ऐसी ही दिक्कत हेमा, भोला और केशव के साथ थी। मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा, बताओं आप होते तो कैसे खेलते, फिर बताया कि पहले दो बच्चे खेलेंगे, जिसका भौंरा पहले गिरेगा वो तीसरे को दे देगा। मुख्यमंत्री ने जब स्वयं भौंरा चलाया तो सभी बच्चे खुशी से झूम उठे।

मुख्यमंत्री आज वैशाली नगर भिलाई के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नींव और भाषा पिटारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने यहां अटल टिंकरिंग लैब के लोकार्पण के साथ ही सोया मिल्क का वितरण शुरू किया। इसके साथ ही नींव कार्यक्रम संबंधित सामग्री और भाषा पिटारा का विमोचन करते हुए नींव कार्यक्रम की कक्षा का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल कार्यक्रम के दौरान प्राथमिक शाला के बच्चों को छत्तीसगढ़ी में भौंरा नामक पाठ पढ़ाया और बच्चों के साथ भोंरा चलाने की गतिविधि और किसका भौंरा ज्यादा देर तक टिक पाता है यह सब करते हुए भाषा और गणित को एक साथ कैसे पढ़ाया जाता है इसका एक आदर्श पाठ बच्चों के साथ रोचक तरीके से प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री ने अटल टिंकरिंग लैब का उद्घाटन कर वहां बच्चों से विज्ञान शिक्षण के बारे में बात की और उन्हें विभिन्न प्रयोग करते हुए देखा। इस दौरान राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में चयनित बच्चों के साथ चर्चा भी की।

इस मौके पर राज्य में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कबाड़ से जुगाड़ मॉडल का प्रदर्शन और जिले में गणित लैब के लिए तैयार विभिन्न सामग्री का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुरेन्द्र पाण्डेय द्वारा लिखित सचित्र पुस्तक ’चलव भौंरा चलाबो’ का विमोचन भी किया।

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