breaking news

अयोध्या पर फैसले से पहले संघ ने की अपील- कोर्ट का जो भी निर्णय आए उसे खुले मन से स्वीकार करें





नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर फैसला आने से पहले सभी पक्ष आपसी भाईचारे और शांति की अपील कर रहे हैं। इस बीच आरएसएस की तरफ से राम जन्मभूमि मामले को लेकर कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आए, उसे खुले मन से स्वीकार करें। बता दें कि दिल्ली में आरएसएस की एक बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत और भैयाजी जोशी मौजूद रहे।

आरएसएस की तरफ से कहा गया है कि निर्णय के बाद देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहना चाहिए। आरएसएस ने कहा, आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है, इसको लेकर जो भी निर्णय आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे।

दरअसल, दिल्ली में आरएसएस की इस बैठक में संगठन के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी, लेकिन इस बैठक को आवश्यक कारणों से स्थगित कर दिया गया। हालांकि वो बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है। उन्होंने कहा कि निर्णय के पश्चात देशभर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, हम इसपर भी चर्चा कर रहे हैं।

बता दें कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। माना जा रहा है कि नवंबर माह में ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने 40 दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।

Share With