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मोदी कैबिनेट ने दी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को मंजूरी





नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर देशभर में हो रहे बवाल के बीच मोदी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। एनपीआर अपडेशन के लिए कैबिनेट ने 8500 करोड़ रुपए के फंड आवंटन को भी स्वीकृति दी है। इसमें देश के नागरिकों का डेटा होगा।

2021 की जनगणना से पहले 2020 में एनपीआर अपडेट किया जाएगा, इससे पहले 2011 की जनगणना से पहले 2010 में भी जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट किया गया था। अप्रैल, 2020 से सितंबर, 2020 तक एनपीआर को अपडेट करने का काम किया जाएगा।

एनपीआर का पूरा नाम नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना इसका मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में 2010 में एनपीआर बनाने की पहल शुरू हुई थी। तब 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था। अब फिर 2021 में जनगणना होनी है। ऐसे में एनपीआर पर भी काम शुरू हो रहा है।

जनसंख्या रजिस्टर का मतलब यह है इसमें किसी गांव या ग्रामीण इलाके या कस्बे या वार्ड या किसी वार्ड या शहरी क्षेत्र के सीमांकित इलाके में रहने वाले लोगों का विवरण शामिल होगा।

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर गणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना इसका मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिंकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी।

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