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INX मीडिया केस: 107 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे चिदंबरम, सुप्रीम कोर्ट ने कई शर्तों के साथ दी जमानत





नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में बीते 107 दिनों से हिरासत में चल रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख रुपये के मुचलके और बिना इजाजत विदेश न जाने की शर्त पर जमानत दे दी है। अब वह जल्द ही तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे। अदालत ने कहा कि चिदंबरम जमानत पर छूटने के बाद गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नही करेंगे और कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नही जाएंगे। साथ ही केस के बारे में प्रेस ब्रीफ़िंग नही करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर अपराध होते हैं, लेकिन जमानत का भी कानूनी प्रावधान हैं। कोर्ट ने कहा, जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है। जमानत देना कानून के प्रावधान में है। कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्हें आईएनएक्स मीडिया करप्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है अब मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है। आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जमानत अर्जीका विरोध किया था और कहा था कि गवाहों को प्रभावित किए जाने का खतरा है। आरोपी चिंदबरम जेल में रहते हुए भी गवाहों पर प्रभाव रखते हैं।

हाईकोर्ट में 15 नवंबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया था कि चिदंबरम जेल में रहने के बावजूद गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिदंबरम ने कहा था कि जांच एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनका करियर और प्रतिष्ठा बर्बाद नहीं कर सकती। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि जमानत लेना उनका अधिकार है, लेकिन अगर ऐसे मामले में जमानत दी गई तो यह बड़े पैमाने पर लोगों के हितों के खिलाफ होगा, क्योंकि आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं।

आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ का फायदा पहुंचाने के मामले में सीबीआई ने 10 साल बाद मई 2017 में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। फिर सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में उन्हें 21 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में करीब 2 महीने बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके बाद 16 अक्टूबर को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

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