धर्म-दर्शन

मनुष्य की मृत्यु के बाद क्यों पढ़ा जाता है गरुड़ पुराण





हमारे पुराणों के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने कुल 18 पुराणों की रचना की थी। इन्हीं पुराणों में से एक है गरुड़ पुराण, जिसका पाठ मृत्यु के पश्चात किया जाता है। मनुष्य का जन्म-मरण एक सांसारिक चक्र है इसे कोई नहीं बदल सकता है। जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके घर में गरुण पुराण का पढ़ा जाता है। गरुण पुराण को कोई ब्राम्हण ही पढ़ता है।

मनुष्य की मृत्यु के बाद रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जिसका उद्देश्य मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति देना होता है और इसी वजह से गरुण पुराण का पाठ करवाया जाता है। गरुड़ पुराण को दो भागों में बांटा गया है जिसमें से एक में श्रीहरी के स्वरूपों का वर्णन है और दूसरे में जीवन-मरण को बताया गया है। गरुण पुराण के दूसरे भाग में मृत्य के बाद व्यक्ति की आत्मा का क्या होता है इस बारे में बताया जाता है।

गरुण पुराण पढ़ने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिल जाती है। गरुण पुराण में व्यक्ति के जीवन मरण से छुपे रहस्यों का जिक्र है जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब तक मरने वाले व्यक्ति से जुड़े हुए सारे रीति-रिवाज़ पूरे नहीं हो जाते हैं तब तक मृत व्यक्ति की आत्मा उसके घर में ही रहती है।

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