धर्म-दर्शन

शिव चतुर्दशी: जानिए व्रत की विधि और भगवान शिव का मंत्र





हिंदू पंचांग के अनुसार आज शिव चतुर्दशी है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है भक्त आज भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना करेंगे। पूरे दिन भक्त उपवास पर रहेंगे और विधान पूर्वक पूजा अर्चना करेंगे। मान्यता है कि जो भक्त इस दिन पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करता है और सच्चे मन से भगवान शिव की भक्ति करता है, भगवान उसपर प्रसन्न होते हैं। वो व्यक्ति अपनी कामवासना, गुस्से, लालच, मोह जैसी सांसारिक चीजों से मुक्ति पाता है। इस दिन केवल भगवान शिव की ही नहीं बल्कि समस्त शिव परिवार की पूजा अर्चना करने का विधान है।

शिव चतुर्दशी व्रत की पूजा विधि-

  • सबसे पहले पूजा घर की अच्छे से साफ सफाई करें। देव स्थान को भी अच्छे से साफ कर लें। इसके बाद जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल और गन्ने के रस से बने चरनामृत से भगवान भोले शंकर का अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, दूब, कुश और मदार का फूल या कोई भी सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें। इसके बाद उन्हें भोग में भांग, धतूरा तथा श्रीफल चढ़ाएं। ये भगवान शिव के प्रिय फल माने जाते हैं। इसके बाद विधिवत तरीके से शिव परिवार की पूजा करें।
  • इस दिन व्रत रहने वाले भक्तों को पूरे दिन आहार नहीं ग्रहण करना होता है और मन ही मन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अर्चना और उनका जाप करना चाहिए।
  • मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव और उनके परिवार की आराधना करता है उस जातक के पूर्वज और माता- पिता के सारे पाप कट जाते हैं और सारे कष्ट दूर हो जाते है। ऐसा व्यक्ति जीवन में सुखों को भोगता हुआ मृत्यु होने पर शिवलोक को प्राप्त होता है।

करें इस मंत्र का जाप-

  • शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक
    त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत: परम

नमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परमू
नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः
नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे
नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः

  • ऊँ नम: शिवाय.
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