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रटने से आगे: सफलता की असली राह दिखाते शिक्षक

साल में एक बार आता है शिक्षक दिवस – जब पूरे देश में गुरुजनों को सम्मान दिया जाता है। इस दिन हमें याद करना चाहिए कि जिन लोगों ने हमें लिखना, पढ़ना और बोलना सिखाया, उन्हीं की वजह से हम जीवन में आगे बढ़ते हैं। आज स्कूल बदल गए हैं। पहले ब्लैकबोर्ड और खड़िया होते थे, अब स्मार्ट क्लास और टैबलेट हैं। लेकिन एक बात कभी नहीं बदलती – अच्छा शिक्षक हमेशा बच्चों का भविष्य बनाता है।

शिक्षकों के विचार
कृणा शाह, इंग्लिश टीचर, रैडक्लिफ स्कूल, खारघर कहती हैं, “हर बच्चा अपनी राह पर खूबसूरती से बढ़ता है। कक्षा बगीचे जैसी होती है और शिक्षक माली की तरह बच्चों की देखभाल करते हैं। कुछ बच्चे चुनौतियाँ लाते हैं, तो कुछ भगवान का तोहफ़ा होते हैं। लेकिन दोनों से ही सच्ची शिक्षा मिलती है।”

बर्नाली साहा, किंडरगार्टन टीचर, रैडक्लिफ स्कूल, खारघर कहती हैं, “छोटे बच्चों को पढ़ाना मेरे लिए आशीर्वाद है। उनके मासूम चेहरे, उनकी मुस्कान और प्यार मुझे रोज़ नया उत्साह देते हैं। पढ़ाना केवल एबीसीडी और 123 तक सीमित नहीं है, यह बच्चों के दिलों में दया और खुशी भरने का काम है।”

दीपिका चौहान, गणित और विज्ञान की अध्यापिका, रैडक्लिफ स्कूल, ग्रेटर नोएडा कहती हैं,“गणित तभी अच्छा लगता है जब बच्चे खेल और खोज के ज़रिए सीखते हैं। हमने बच्चों के लिए ‘मैथ डिटेक्टिव गेम’ करवाया। इसमें बच्चों ने पहले खुद सोचा, फिर साथी के साथ मिलकर हल किया और फिर नए साथी के साथ आगे बढ़ते गए। इस तरह बच्चों ने न केवल गणित सीखा बल्कि धैर्य, सहयोग और सम्मान भी सीखा।”

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