देश

एक संकल्प देश के नाम

लेखिका रजनी

कोई भी मुद्दा यूहीं खास नहीं बन जाता है किस वक्त पर क्या होना है ऐसा माना जाता है पहले से तय होता है, लेकिन कुछ काम ऐसे होते हैं जो किसी योजना या साजिश को अंजाम देने के लिए किए जाते हैं कुछ चुनिंदा लोग उन पर गहराई जताते हैं तो कुछ उन्हें वक्त की चुनौती बताते हैं, बात बस यही खल रही है कि अचानक देश की उभरती अर्थव्यवस्था एवं चौमुखी विकास किसी को खुशगवारा नहीं लग रहा होगा और भारत की समृद्धि संपूर्णता एवं प्रत्येक नागरिक की कर्तव्य निष्ठा से कोई प्रभावित हो रहा होगा शायद कोई सामने ना आकर अपनी शख्सियत जमाने से आज भी छुपाना चाहता है शायद भारत की तरक्की एवं भारत की अर्थव्यवस्था की उछाल से उसे खतरा हो रहा है और वह खुद को छिन्ह -भिन्न होते देख रहा है वरना यूं शांतिदूत राष्ट्र का अचानक का झंझावात बहुत ही गहरी साजिश का शिकार होना यह विचारणीय है क्या ऐसा पहले कभी हुआ है किसी आतंकवादी ने धर्म पूछा हो भूतपूर्व कर्नल के कथन सुनते ही मन झिनझला उठा आज तक ऐसा नहीं हुआ आतंकवादियों के पास इतना वक्त था और तो और वह घटना स्थल पर पहले है निवासीत थे, खैर कुछ सवालों के जवाब वक्त आने पर ही मिलते हैं लेकिन आज हम अनुमान लगा सकते हैं वास्तव में हमारा देश तरक्की कर रहा है जो किसी अन्य देश की अर्थव्यवस्था को हिला रहा होगा ,और उस राष्ट्र द्वारा हमारे देश को भ्रमित और आक्रोशित किया जा रहा है लेकिन भारत आज हर चुनौतियों से लड़ने को तैयार और सक्षम है हमें एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते एकजुट रहना होगा हम सभी संकल्पित रहे किसी अन्य राष्ट्र की साजिश का हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर ना हो इसके लिए कर्तव्य प्रणेता बने ,और भविष्य की अन्य चुनौतियों को स्वीकार कर निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करें यह भारत भूमि कर्म और धर्म की भूमि है।

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