
रायपुर: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी बायोमैट्रिक पद्धति से की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए धान उपार्जन केन्द्रों में ऑफलाईन के अलावा मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाईन टोकन जारी किए जाएंगे। सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, प्रबंध संचालक विपणन संघ एवं संचालक खाद्य विभाग के मार्गदर्शन में आज सरगुजा एवं दुर्ग संभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से धान खरीदी सम्पन्न कराने के लिए पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। अलग-अलग संभागों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 17 अक्टूबर तक चलेगी। धान खरीदी का कार्य 15 नवंबर से प्रारंभ होगा।
प्रशिक्षण में अधिकारियों ने बताया कि विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एंड कमांड सेन्टर की स्थापना की जाएगी एवं मोबाईल एप्प के माध्यम से विभिन्न प्रकार के एलर्ट आदि भेजे जाएंगे। उपार्जन केन्द्रों में धान के उचित रखरखाव, किसानों की सुविधाओं के संबंध में व्यवस्था किये जाने हेतु उपार्जन केन्द्र प्रभारियों और इससे जुड़े अधिकारियों को प्रशिक्षण में जानकारी दी गई। उपार्जन केन्द्रों को गतवर्षों में दर्ज प्रकरणों एवं संभावित अनियमितताओं के आधार पर संवेदनशील तथा सामान्य में वर्गीकृत किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों में विशेष निगरानी रखी जावेगी। इन केन्द्रों में पृथक से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये जायेगें। जिनके द्वारा समय-समय पर उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा इन्टीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेन्टर से प्राप्त अलर्ट मैसेज के आधार पर उड़नदस्ता द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश के सीमावर्ती उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त चेक पोस्ट की स्थापना की जा रही है, जिससे अवैध धान के आवक को रोका जा सके।
जिलों में धान उपार्जन वर्ष 2025-26 का प्रशिक्षण कार्य 31 अक्टूबर 2025 तक जिला एवं अनुविभाग में पूर्ण करा लिया जावे। गतवर्ष की भाँति इस वर्ष भी बायोमेट्रिक आधारित धान उपार्जन किया जाएगा। वहीं 3 नवंबर से 6 नवंबर के मध्य उपार्जन केन्द्रों में ट्रायल रन का आयोजन होगा एवं 9 नवंबर से टोकन आवेदन किया जा सकेगा। धान खरीदी के लिए सीमांत एवं लघु कृषकों को 02 टोकन एवं दीर्घ कृषकों को अधिकतम 03 टोकन प्रदाय किया जा सकेगा। अतः सभी जिलों को 30 अक्टूबर तक धान उपार्जन से संबंधित सभी तैयारी पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है।
प्रशिक्षण में अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष समितियों को शार्टेज की मात्रा निरंक करने तथा शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सुचारू रूप से धान उपार्जन पूर्ण करने पर नियमानुसार इन्सेटिव का भी प्रावधान रखा गया है। भारत सरकार द्वारा उपार्जन केन्द्रों के स्वमूल्यांकन हेतु उपलब्ध पोर्टल पीसीएसएपी में उपार्जन केन्द्रों द्वारा धान खरीदी के संबंध मे आवश्यक व्यवस्था पूर्ण कर लेने के उपरांत प्रविष्टि करनी होगी। प्रविष्टि के आधार पर एल-4 ग्रेडिंग पाये जाने पर ही इन्सेटिव की पात्रता उप समिति को होगी। समितियों में डाटा एन्ट्री आपरेटरों का नियोजन 06 माह के लिए समितियों के माध्यम से किये जाने का प्रावधान इस वर्ष की पॉलिसी में किया गया है। ऐसी समितियां जहां अनियमितताएं पाई गई हो, वहां के डाटा एन्ट्री आपरेटरों का नवीन नियोजन किये जाने के निर्देश दिए गये है।