झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ट नेता आलमगीर आलम को ईडी ने दूसरे दिन के पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद ग्रामीण विकास मंत्री को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार उनकी यह गिरफ्तारी ईडी को जांच में सहयोग ना करने की वजह से हुई है।
बता दें कि 12 मई को ईडी ने आलमगीर आलम को समन भेजा था और 14 मई को पूछताछ के लिए रांची के हिनू स्थित रीजनल कार्यालय में सुबह 11 बजे बुलाया था। आलमगीर आलम तय समय से पहले ही ईडी के ऑफिस पहुंच गए थे। ईडी के आलमगीर आलम से पूछने के लिए 50 सवालों का लिस्ट तैयार किया था। मंगलवार को ईडी कार्यालय के बाहर पहुंचने के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी की टेंडर घोटाले मामले की जांच में पूरा सहयोग करेंगे। जितने भी सवाल किए जाएंगे, वे ज्यादा से ज्यादा सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
बता दें कि आलमगरी आलम के सचिव संजीव कुमार के घर से 35.23 करोड़ कैश बरामद किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार सुबह दूसरी बार आलमगीर को ईडी ने समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच में सहयोग ना करने की वजह से मंत्री आलमगीर की गिरफ्तारी हुई। एजेंसी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। उनके सचिव के घर पर छापेमारी में ईडी ने 35 करोड़ रुपए नकद जब्त किए थे। उसके बाद से उन पर ईडी की नजर थी।
वहीं, संजीव लाल के घर से 10.50 लाख और उनकी पत्नी की कंपनी में पार्टनर बिल्डर मुन्ना सिंह के घर से 3 करोड़ रुपये बरामद किए। जिसके बाद ईडी ने संजीव लाल और उनके नौकर को 7 मई को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को 6 दिनों के रिमांड पर रखा गया और पूछताछ की गई। जिसके बाद 13 मई को एक बार फिर सुनवाई करते हुए उनकी रिमांड 5 दिनों के लिए बढ़ा दी गई। बता दें कि आलमगीर आलम 70 वर्षीय ग्रामीण विकास मंत्री हैं। फिलहाल, वह विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
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