मध्यप्रदेशराज्य

इनएक्टिव अकाउंट में छिपा खजाना! दिव्यांग प्रेमचंद को मिले 3.88 लाख रुपये

ग्वालियर
रामबाग कॉलोनी शिंदे की छावनी निवासी दिव्यांग प्रेमचंद उमरैया के नाम से उनके माता पिता ने मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के खाते में रकम जमा की थी। खाते के बारे में तो प्रेमचंद को पता था, लेकिन उसमें कितनी रकम है, यह उन्हें नहीं मालूम था। पिछले 15-16 साल से यह खाता निष्क्रिय था। बैंक ने दिव्यांग प्रेमचंद को आपकी पूंजी आपका अधिकार अभियान के तहत कलेक्ट्रेट में लगाए गए शिविर में बुलाया और तीन लाख 88 हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए तो वो खुशी से झूम उठे।

लीड बैंक मैनेजर व आरबीआई के एजीएम विश्वजीत ने उन्हें राशि देने का प्रमाण-पत्र दिया। इसी तरह शिविर में जो भी उपभोक्ता आए, उन्हें उनकी अनक्लेम्ड राशि वापस की गई। साथ ही जिन प्रकरणों में कुछ बाधाएं थीं, उन्हें आगामी कुछ दिनों में हल करने का बैंक प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया। हालांकि शिविर में उतने उपभोक्ता नहीं आए, जितने आने की उम्मीद थी। बता दें कि जिले के विभिन्न बैंकों में इस समय करीब दो लाख 77 हजार 336 खातों में लगभग 125 करोड़ रुपये की राशि अनक्लेम्ड के रूप में दर्ज है।
 
जिनका निधन हुआ, उनके स्वजन भी क्लेम कर सकते हैं
यह राशि वह है जो लोगों के विभिन्न खातों में हैं या फिर उन लोगों की है जिनका निधन हो चुका है। इस राशि को बैंक ने होल्ड कर लिया है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने लोगों को न केवल अपने निष्क्रिय व भूले हुए खाते से राशि को क्लेम करने का मौका दिया है बल्कि जिन खाता धारकों का निधन हो चुका है, उनके स्वजन को भी राशि को क्लेम करने का अवसर दिया है।

शिविर में 201.65 लाख के प्रकरणों का निपटारा
शिविर में अनक्लेम्ड एसेट्स से जुड़े कुल 95 प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया गया। विभिन्न बैंक शाखाओं ने 201.65 लाख रुपये के प्रकरणों का समाधान किया। 11 हितग्राहियों को 124.34 लाख रुपये के स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। शिविर का आयोजन अग्रणी बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया ग्वालियर द्वारा किया गया।

अधिक से अधिक राशि लौटाने का प्रयास है
    आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियान तो अक्टूबर माह से चल रहा है, लेकिन शिविर के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों को मौके पर हल कर अनक्लेम्ड राशि को वापस लौटाना है। शिविर में अधिक लोगों के न आने की पीछे की वजह यह है कि कुछ लोगों के खातों में राशि कम है तो वे ध्यान नहीं दे रहे। बड़ी संख्या में ऐसे भी खाते हो सकते हैं जिनके उपभोक्ताओं का निधन हो चुका है, साथ ही परिवार में भी इन खातों की राशि क्लेम करने वाला नहीं है। हालांकि आरबीआई व वित्त मंत्रालय का प्रयास है कि अधिक अधिक राशि को क्लेम करवाकर उनके हकदारों को वापस की जाए। यह अभियान अभी जारी रहेगा। -विश्वजीत, एजीएम, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया।

बैंकों के अलग-अलग काउंटर लगे
    शिविर में बैंकों ने अपने अलग-अलग काउंटर लगाए थे, जो तुरंत मौके पर दस्तावेज लेकर दावा फार्म भरवाकर राशि को वापस कर रहे थे।
    शिविर में बीमा, म्यूचुअल फंड, पेंशन या शेयर डिविडेंड की राशि के लिए भी काउंटर लगा था। लेकिन इन काउंटर पर कोई भी दावा करने नहीं आया।
 

Related Articles

Back to top button