करियर

अरमान अहमद: आत्मीय परंपरा और आधुनिक अभिव्यक्ति की आवाज़

Mumbai : अरमान अहमद भारतीय संगीत जगत का एक उभरता हुआ नाम हैं, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत, सूफ़ी क़व्वाली और आधुनिक शैलियों को अनोखे अंदाज़ में जोड़ने की अपनी कला के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी गहरी और असरदार आवाज़ तथा दिल से गाए हुए गीत पूरे भारत में श्रोताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।
प्रतिष्ठित दिल्ली घराने से ताल्लुक रखने वाले अरमान पिछले 13 वर्षों से संगीत की साधना कर रहे हैं। उन्हें संगीत की तालीम दो महान उस्तादों से मिली — उस्ताद इक़बाल अहमद ख़ान साहब, जो दिल्ली घराने के सबसे सम्मानित ध्वजवाहकों में से एक हैं, और उस्ताद दानिश हिलाल ख़ान, जिनके मार्गदर्शन ने अरमान की कला को और अधिक निखारा। उनकी संगीत परंपरा उनके नाना-चाचा, पद्मश्री उस्ताद शफ़ात अहमद ख़ान (विश्वविख्यात तबला वादक) से भी जुड़ी है। इतनी महान विरासत के साथ अरमान का संगीत परंपरा में गहराई से रचा-बसा है, लेकिन आधुनिक अभिव्यक्ति से भी भरपूर है।
अरमान की पहचान सबसे पहले दूरदर्शन के रियलिटी शो “वाह उस्ताद” से बनी, जहाँ वे टॉप 10 रनर-अप्स में शामिल रहे। इसके बाद उन्होंने देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति दी। ब्राइट अवॉर्ड्स — भारत का सबसे बड़ा अवॉर्ड शो — में उनके प्रदर्शन को खूब सराहा गया। वहीं, राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, देहरादून में ट्रांसमिट्टो डेवलपमेंट फ़ाउंडेशन के लिए लगभग 10,000 दर्शकों के सामने उनका गाना एक यादगार पड़ाव रहा।
उनके संगीत कार्यों में उनका पहला देशभक्ति गीत “जय जवान जय किसान” (बॉलीवुड फ़िल्म “लोकसभा” से) शामिल है, जिसे उसकी भावनात्मक गहराई और राष्ट्रीयता की भावना के लिए खूब सराहा गया। हाल ही में अरमान ने मशहूर गीत “सोचता हूँ” का नया संस्करण रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने आत्मीयता बनाए रखते हुए प्रयोगधर्मिता का परिचय दिया। इसके साथ ही उनकी दूसरी आगामी बॉलीवुड फ़िल्म “Aatma.com” भी उनके करियर में एक और अहम मुकाम साबित होगी और उन्हें एक बहुमुखी और वादाकार आवाज़ के रूप में स्थापित करेगी।
पुरस्कार और सम्मान
संगीत के प्रति अरमान अहमद की निष्ठा और योगदान को कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया है, जिनमें शामिल हैं:
•महात्मा गांधी रत्न पुरस्कार (2023)
•त्याग मूर्ति माता रमाई आंबेडकर पुरस्कार (2023)
•KCF बॉलीवुड लीजेंड अवॉर्ड (2024)
•इंडियन आइकॉन अवॉर्ड (2025)
•भारतीय अमृत महोत्सव अवॉर्ड (2025)
•म्यूज़िक एंड OTT अचीवमेंट अवॉर्ड (2025)
•और अनेक अन्य सम्मान, जो उनकी कला और सांस्कृतिक योगदान को सलाम करते हैं।
भविष्य में भी अरमान अहमद कई नए गीतों के माध्यम से ऐसा संगीत प्रस्तुत करने का वादा करते हैं, जो परंपरा से जुड़ा हो लेकिन आधुनिक पीढ़ी की संवेदनाओं को भी छुए। एक दशक से अधिक की कठोर साधना और आत्मीय प्रस्तुतियों के साथ, उनकी कला का सार है — आध्यात्मिक भक्ति, शास्त्रीय गहराई और आधुनिक संवेदना का अद्भुत संगम। आगे चलकर, वे क़व्वाली और शास्त्रीय संगीत की पवित्रता को पूरे भारत और विश्व तक पहुँचाना चाहते हैं और अपने घराने की अद्वितीय विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प रखते हैं।
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