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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, कहा- कोई हिमाकत की तो इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दशहरे पर भुज में एक मिलिट्री बेस का दौरा किया। यहां L-70 गन डिफेंस सिस्टम समेत शस्त्र पूजा से पहले सैनिकों को संबोधित किया। इस गन का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था।

L-70 गन एक मिनट में 300 गोले दागती है। 3,500 मीटर तक टारगेट कर सकती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराने में L-70 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी।

इस दौरान राजनाथ सिंह ने सर क्रीक इलाके में सीमा विवाद को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी। रक्षा मंत्री ने कहा- आजादी के 78 साल बाद भी सर क्रीक में सीमा को लेकर विवाद खड़ा किया जाता है। भारत ने कई बार बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में खोट है, उसकी नीयत साफ नहीं है।

रक्षा मंत्री ने कहा- जिस तरह से हाल में पाकिस्तान ने सर क्रीक से सटे इलाकों में अपना मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया है, वह उसकी नीयत बताता है। अगर सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से कोई हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लेह से सर क्रीक तक, भारत के डिफेंस सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका। वहीं, भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया।

उन्होंने कहा- भारत की सेना ने दुनिया को यह संदेश दिया कि वह जब चाहे और जहां चाहे पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में अपने सभी मकसद को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया। हालांकि सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी आर्म्ड फोर्सेस ने दिखा दिया कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाली ताकतें चाहे जहां भी छिपी हों, हम उन्हें ढूंढकर उनका खात्मा करने की शक्ति रखते हैं। दुनिया की कोई भी ताकत अगर हमारी संप्रभुता को चुनौती देती है तो भारत चुप नहीं बैठेगा।

रक्षा मंत्री ने शस्त्र पूजा का महत्व बताते हुए कहा- शस्त्रों के प्रति समर्पण, असुर शक्तियों पर दैवी शक्ति की विजय की महानता को दर्शाता है। इसलिए जब हम किसी शस्त्र की पूजा करते हैं, तो हम इस शक्ति का इस्तेमाल केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए करने का संकल्प भी लेते हैं।

उन्होंने कहा- भगवान राम ने जब रावण से युद्ध किया तो उनका मकसद जीतना नहीं था। वे धर्म की स्थापना करना चाहते थे। शस्त्रों की पूजा इस बात का प्रतीक है कि भारत न सिर्फ शस्त्रों की पूजा करता है, बल्कि समय आने पर उनका इस्तेमाल करना भी जानता है।

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