
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए वोट चोरी के आरोप लगाए। राहुल ने कहा, कर्नाटक के अलंद में पिछले चुनाव में 6018 वोट हटाने की कोशिश हुई थी। वहीं महाराष्ट्र में बहुत से वोटरों को जोड़ा गया। इसके साथ ही कांग्रेस सांसद ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाया कि वो वोट चोरी में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं राहुल गांधी के इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, वोट कभी ऑनलाइन डिलीट नहीं हो सकता। साथ ही यह भी बताया कि आलंद में वोट काटने की कोशिश पर एफआईआर खुद चुनाव आयोग ने दर्ज कराई थी।
चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी के सभी आरोप बेबुनियाद और आधारहीन हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि वोट काटने से पहले संबंधित व्यक्ति को उसका पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। उन्होंने कहा कि साल 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोट डिलीट करने की कुछ कोशिशें हुई थीं जिसकी एफआईआर चुनाव आयोग ने ही दर्ज कराई थी।
निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि अगर किसी वोटर का नाम मतदाता सूची से हटा है तो वो डीएम या चुनाव आयोग के सीईओ के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं।
इससे पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में एक लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए। कांग्रेस नेता के इस आरोप पर कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उनको शपथ पत्र भेजा था।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा था कि अगर आपके आरोप सही हैं और आपके पास वोट चोरी के सबूत हैं तो मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के नियम 20(3)(b) के तहत शपथपत्र पेश करें। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि अपने आरोपों को साबित करने के लिए प्रूफ दिखाएं अन्यथा आयोग पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास न करें। हालांकि राहुल गांधी ने कोई शपथ पत्र नहीं दिया।