
इंदौर। जल, पर्यावरण एवं प्रकृति के संरक्षण के लिये मिट्टी के गणेश निर्माण की कार्यशाला का आयोजन शासकीय सांदीपनि अहिल्याश्रम कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-2 में किया गया।
प्राचार्य श्री दीपक हलवे ने बताया कि इस कार्यशाला में सैकड़ों की संख्या में छात्राओं ने उत्साह से भाग लेकर मंगलमूर्ति का निर्माण किया। छात्राएं स्वनिर्मित मूर्तियों की स्थापना अपने-अपने घरों में पूजा स्थल पर कर आगामी दस दिवसीय उत्सव के दौरान सर्वकल्याण की प्रार्थना सुबह-शाम करेंगी। सुनीता उपाध्याय ने छात्राओं को संकल्प दिलवाया कि वे सभी पर्यावरण एवं जल संरक्षण के लिये अनंत चतुर्दशी पर इन बनाई गई मूर्तियों का विसर्जन भी अपने घर पर शुद्ध जलपात्रों में कर उस जल को कुंडों में या बाग-बगीचों की क्यारियों में पूर्ण श्रद्धा के साथ करें।
कार्यक्रम संयोजिका सुषमा राठौर ने अपने संबोधन में कहा कि मंगलमूर्ति के शरीर के सभी अंग हमें जिंदगी जीने की सीख देते है। यथा भगवान का बड़ा सिर बड़ी सोच ,बड़े कान सभी की बातों को सुनना और अच्छी बातों को ग्रहण करना जैसे संदेश देते है। सरिता शुक्ला ने स्वास्थ्य के लिये घातक रासायनिक रंगों की बजाए प्राकृतिक रंगों का उपयोग मंगलमूर्ति के निर्माण में करने को कहा। कार्यक्रम में मंगलमूर्ति निर्माण का प्रशिक्षण गायत्री परिवार के श्वेता पाल,रंजना कनाठे, अंजीरा पडलक, बालकृष्ण सोनी,गोपीकृष्ण खोदरे ने दिया।