
रायपुर: उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने आज सरगुजा कोर्डिनेशन सेंटर में सरगुजा रेंज अंतर्गत सभी पुलिस अधीक्षकों की उच्चस्तरीय बैठक ली। बैठक में उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की और पुलिस तंत्र को अधिक प्रभावी, संवेदनशील और जवाबदेह बनाने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में श्री शर्मा ने स्पष्ट कहा कि कानून का राज स्थापित करना और अपराधियों के मन में भय पैदा करना पुलिस की सर्वाेच्च जिम्मेदारी है।
गंभीर अपराधों के मामलों में दोष सिद्धि की दर बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने सभी जिलों में मामलों की नियमित और वैज्ञानिक मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पुलिस अधीक्षक न केवल अपने कार्यालय में आने वाले लोगों से समय पर मिलें, बल्कि अधीनस्थ पुलिसकर्मियों से भी संवाद कर उनकी समस्याओं और जरूरतों को समझें। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि जिले के कॉलेज और स्कूलों का महीने में एक बार भ्रमण अवश्य करें और थानों में अनुशासन के लिए एसपी-एसएसपी और डीएसपी प्रत्येक सप्ताह परेड भी कराए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज पिंगुवा, आईजी पीएचक्यू श्री अजय यादव, आईजी सरगुजा श्री दीपक झा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अलावा सरगुजा रेंज के बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सूरजपुर, और सरगुजा जिले के पुलिस अधीक्षक उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बैठक में मानव तस्करी, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध, अवैध हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर अपराधों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई पर जोर दिया गया। एनडीपीएस एक्ट के मामलों में एंड-टू-एंड इन्वेस्टिगेशन सुनिश्चित करने और दोषियों को कठोर सजा दिलाने की बात कही गई। अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने, चिटफंड कंपनियों के मामलों की गंभीरता से जांच करने और निवेशकों को धनवापसी की कार्यवाही तेज करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाने, यातायात प्रबंधन को मजबूत बनाने और ट्रैफिक पुलिस की सक्रियता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात व्यवस्था में सुधार केवल पुलिस का नहीं बल्कि प्रशासन और समाज का साझा दायित्व है। उन्होंने सभी स्कूलों और कॉलेजों में ड्रग-फ्री कैंपस अभियान चलाने, छात्रों में नशामुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाने और सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए जनता और पुलिस के बीच भरोसे का रिश्ता मजबूत करने की आवश्यकता बताई।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए विशेष प्रशिक्षण, बीट प्रणाली की नियमित समीक्षा और ‘समाधान ऐप’ के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि ग्राम सभाओं और जनसंवाद कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को पुलिस से जोड़ा जाए, ताकि लोग पुलिस को अपना मित्र और संरक्षक मानें।
बैठक के अंत में उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने दो टूक कहा कि पुलिस की कार्यवाही ऐसी होनी चाहिए कि अपराधी कानून से डरें और आम जनता को भरोसा हो कि कानून-व्यवस्था उनकी सुरक्षा के लिए है। उन्होंने कहा जनता के मन में सम्मान और अपराधियों के मन में भय होना चाहिए, यही हमारी पुलिस व्यवस्था की असली सफलता है।