
नई दिल्ली। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी ने अपने चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निकाल दिया है। इन पर आरोप है कि वे हिंदू धार्मिक संस्थान में काम करने के बाद भी ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे। ये बोर्ड की आचार संहिता का उल्लंघन है। टीटीडी ने साफ किया कि कार्रवाई आंतरिक जांच और सतर्कता रिपोर्ट आने के बाद की गई। जिन कर्मियों को सस्पेंड किया गया है, वे हिंदू धार्मिक संस्था में अपेक्षित रूप से काम नहीं कर पाएं।
इन कर्मचारियों को किया सस्पेंड
एस. रोसी- स्टाफ नर्स, BIRD हॉस्पिटल, बी. एलिजर- डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (क्वालिटी कंट्रोल), डॉ. जी. असुंता- एसवी आयुर्वेदिक फार्मेसी, एम. प्रेमावती- ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, BIRD हॉस्पिटल।
टीटीडी ने बताया कि ईसाई धर्म को मानने वाले कर्मचारियों के पालन से जुड़ी जानकारी सतर्कता विभाग की रिपोर्ट सहित अन्य डॉक्युमेंट्स के माध्यम से सामने आई है। इसी वजह से कार्रवाई की गई और सभी को निकाल दिया गया। टीटीडी ने साफ किया कि हिंदू धार्मिक संस्था में काम करने वाले कर्मियों से अपेक्षा होती है कि वे संस्था की परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों के अनुसार काम करें। उसी अनुशासन और साख को बनाए रखने के लिए ये फैसला किया गया है।
टीटीडी के सेवा-नियमों में साल 2007 में बदलाव हुआ था, जिसके बाद से मंदिर में गैर-हिंदुओं की नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, 2007 से पहले जो गैर-हिंदू कर्मचारी मंदिर में नियुक्त हुए थे, वे अब भी मंदिर की सेवा कर रहे हैं। टीटीडी के वर्तमान नियमों की मानें तो सिर्फ हिंदू धर्म को मानने वाले लोग ही टीटीडी में नौकरी करने के योग्य हैं. सभी कर्मियों को हिंदू धर्म और मंदिर की परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।