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युद्ध से शांति का रास्ता नहीं, वार्ता जरूरी: मोदी

मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान पुतिन ने कहा, ‘आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके लिए आपके आभारी हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि युद्ध के मैदानों से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने विश्वास जताया कि आने वाले सालों में भारत-रूस के संबंध और मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग ने दुनिया की भी मदद की है। पीएम मोदी ने पुतिन से कहा कि दुनिया को पिछले पांच वर्ष में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, पहले कोविड-19 की वजह से और फिर अनेक संघर्षों के कारण। उन्होंने कहा कि जब दुनिया में खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी थी। हमने अपने किसानों को समस्या नहीं आने दी और इसमें रूस के साथ संबंधों ने भूमिका निभाई। रूस ने मॉस्को में पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा। पुतिन ने खुद उन्हें सम्मानित किया।

50 सालों से आतंकवाद का सामना कर रहा भारत
पीएम मोदी ने कहा भारत पिछले 40-50 साल से आतंकवाद का सामना कर रहा है। इसलिए मॉस्को में हुए आतंकी हमले का दर्द समझ सकता हूं। मैं हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं। पीएम ने कहा शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मुझे बहुत खुशी है। मैं विश्व समुदाय को आश्वत करना चाहता हूं कि भारत शांति का पक्षधर है। पीएम ने कहा चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हों, जब जान का नुकसान होता है तो मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को दुख होता है। जब मासूम बच्चों की हत्या होती है, जब हम मासूम बच्चों को मरते देखते हैं तो दिल दहल जाता है। वह दर्द बहुत बड़ा है। इस पर मैंने पुतिन से विस्तृत चर्चा भी की।

मोदी-पुतिन की मुलाकात पर भड़के जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजागी जताई है। उन्होंने मोदी के दौरे को यूक्रेन में शांति की कोशिशों को बड़ा झटका बताया। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।’ दरअसल, यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए। ये सब उस वक्त हुआ जब मोदी रूस दौरे पर रवाना हो चुके थे।

भारत लौटेंगे जबरन रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीय
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि मोदी ने रूसी सेना में जबरन भर्ती किए भारतीयों का मुद्दा पुतिन के सामने उठाया। पुतिन ने आश्नासन दिया है कि वे सभी भारतीयों को डिस्चार्ज कर देंगे। रॉयटर्स के मुताबिक यूक्रेन जंग के बीच लगभग 40 भारतीय रूसी सेना में तैनात हैं, पिछले महीने 2 लोगों की मौत हो गई थी।

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