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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची पत्नी, बोलीं- एक हफ्ता हो गया, न पति की सेहत, न ही गिरफ्तारी की वजह पता

नई दिल्ली। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रिहाई के लिए पत्नी गीतांजलि अंगमो सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। गीतांजलि ने हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। उन्होंने सोनम की तत्काल रिहाई की मांग की है। डॉ. अंगमो ने 2 अक्टूबर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है। गीतांजलि अंगमो ने कहा कि एक हफ्ता हो गया, न पति की सेहत, न ही गिरफ्तारी की वजह पता चल रही है।

गीतांजलि आंग्मो का कहना है कि सोनम वांगचुक को हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाने की बात कही जा रही है। वहीं प्रशासन ने इससे जुड़ा डिटेंशन ऑर्डर उपलब्ध नहीं करवाया है। याचिका में कहा गया है कि सोनम लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उन पर गलत आरोप लगाए गए। अब उन्हें NSA के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर ले जाने की बात कही जा रही है।

बता दें कि वांगचुक फिलहाल जोधपुर की जेल में हैं, उन्हें 24 सितंबर को लेह हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हिंसा में 4 लोग मारे गए थे। सोनम के अलावा लेह की स्थानीय जेल में बंद 56 आंदोलनकारियों में से 26 को 2 अक्टूबर को छोड़ दिया गया। इन पर गंभीर धाराएं नहीं थीं। 30 लोग अभी जेल में हैं।

गीतांजलि ने X पर एक पोस्ट में लिखा- आज एक हफ्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम की सेहत, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अंगमो ने वकील सर्वम ऋतम खरे के जरिए दायर याचिका में वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी है। साथ ही उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।

अंगमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को लेटर लिखा था। जिसकी कॉपी उन्होंने X पर शेयर की। अंगमो का आरोप है कि वांगचुक को शांत कराने के लिए पिछले महीने से विच हंट शुरू किया गया है। अंगमो ने कहा कि वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने राष्ट्र की तो बात ही छोड़ दें।

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