
नई दिल्ली। आज मोदी सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है। मोदी कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था और रेन्वेबल एनर्जी के क्षेत्र में देश को मजबूत करने के लिए तीन बड़े फैसले लिए। बैठक में पीएम धन-धान्य कृषि योजना पर 24 हजार करोड़ और ग्रीन एनर्जी पर 27 हजार करोड़ खर्च करने का फैसला लिया गया।
केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए फैसले की जानकारी साझा करते हुए, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाएगी, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करेगी। कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी करेगी। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की उम्मीद है।
धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य किसानों किसान के जीवन में परिवर्तन लाना है। इसके तहत सरकार कृषि जिलों के समग्र विकास के लिए 36 केंद्रीय योजनाओं के समन्वय के माध्यम से हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। केंद्र सरकार के मुताबिक चाहे हॉर्टिकल्चर की योजना हो या कृषि या अन्य योजनाएं सबको एक साथ लाकर जिलों के किसान के विकास के लिए काम किया जाएगा। इसके लिए 100 जिलों का चयन किया गया है, जिसमें जिला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर निरंतर निगरानी की जाएगी।
कैबिनेट ने 24 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक खर्च वाली प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दी है। कैबिनेट ने बुधवार को 6 साल के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी दे दी, जिसमें 24,000 करोड़ रुपये के वार्षिक परिव्यय के साथ 100 ज़िले शामिल होंगे। केंद्रीय बजट में घोषित यह कार्यक्रम 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करेगा। वहीं, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने को बढ़ावा देगा।
कैबिनेट ने एनटीपीसी लिमिटेड को रेन्वेबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश के लिए मौजूदा सीमा से ऊपर जाकर 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश की अनुमति दी है। यह निवेश एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) और इसकी सहायक कंपनियों और संयुक्त उपक्रमों के जरिए किया जाएगा, ताकि 2032 तक 60 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल की जा सके।
एनएलसीआईएल को भी 7,000 करोड़ रुपये के निवेश की विशेष छूट दी गई है, जो वह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी NLC इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के जरिए रेन्वेबल एनर्जी प्रोजेक्ट में लगाएगी। इससे कंपनी को संचालन और वित्तीय लचीलापन मिलेगा।
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का मिशन सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता नहीं है, यह भारत की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा की मिसाल है। इससे हमारे बच्चों और युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी और वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में युवा विज्ञान और नवाचार को अपना करियर बनाएंगे। कैबिनेट का दृढ़ विश्वास है कि यह मिशन विकसित भारत के संकल्प को नई ऊर्जा देगा। प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो सपना देखा है, उसे नई ताकत मिलेगी।