
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद अब बीजेपी ने बड़ा एक्शन लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। सिंह पर यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के तहत की गई है। चुनाव के दौरान आरके सिंह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे, वो एनडीए नेतृत्व और बीजेपी पर लगातार निशाना साध रहे थे। इतना ही नहीं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को मंच से हत्या का आरोपी तक कह दिया था। नीतीश सरकार पर घोटाले का आरोप भी लगाया था।
बीजेपी की ओर से आरके सिंह के निष्कासन पत्र में लिखा है कि आपकी गतिविधियां पार्टी के विरोध में हैं। पार्टी को इससे नुकसान हुआ है और इसे गंभीरता से लिया गया है। इसलिए आपको पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। आरके सिंह ने चुनाव के दौरान जनता से कहा था कि अगर सभी उम्मीदवार दागदार हैं, तो मतदाताओं को ‘नोटा’ का बटन दबाना चाहिए। मोकामा से एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सहित 8 उम्मीदवारों के नाम लेकर उन्होंने कहा था ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है, चुल्लू भर पानी में डूब मरना।
आरके सिंह आरा से पूर्व सांसद रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वो प्रशासनिक सेवा में थे। आरके सिंह ने आरोप लगाया था कि अडाणी समूह के साथ बिहार सरकार ने जो बिजली खरीद समझौता किया है वो जनता के साथ धोखा है। उन्होंने इसमें 62,000 करोड़ रुपये के स्कैम का दावा किया था। उन्होंने सरकार से सवाल उठाया किया कि यह प्लांट निजी हाथों में क्यों दिया गया, इसका स्पष्टीकरण किया जाना चाहिए। आरके सिंह के इन बयानों को देखते हुए यह तय माना जा रहा था कि उन पर निलंबन की तलवार चल सकती है। चुनाव के दौरान उनके प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में जाने की अटकलें भी लगी थीं।




