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राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद बोले पीएम मोदी- सदियों के घाव भर रहे हैं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि मंगलवार को अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वज फहरा दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है। हर रामभक्त के हृदय में अद्वितीय संतोष है, असीम कृतज्ञता है, अपार, अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहूति है जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्ज्वलित रही।

पीएम मोदी ने कहा कि 25 नवंबर का यह ऐतिहासिक दिन हमारी विरासत के लिए गौरव का एक और क्षण लेकर आया है। इसका कारण है धर्म ध्वज पर अंकित कोविदारा वृक्ष। यह कोविदारा वृक्ष इस बात का उदाहरण है कि जब हम अपनी जड़ों से कट जाते हैं, तो हमारा वैभव इतिहास के पन्नों में दब जाता है। यह धर्म ध्वजा सिर्फ एक ध्वज नहीं है, यह भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है।

पीएम मोदी ने कहा कि अपनी विरासत की मानसिकता के साथ एक और बात महत्वपूर्ण है, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति। आज से 190 साल पहले, 1835 में मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने भारत में मानसिक गुलामी की नींव रखी थी। हमें आने वाले 10 वर्षों में लक्ष्य लेकर चलना है कि भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहेंगे। हमें आजादी तो मिली लेकिन हीनभावना से मुक्ति नहीं मिली।

पीएम मोदी ने कहा कि ये गुलामी की मानसिकता ही है जिसने इतने सालों तक रामत्व को नकारा है। ओरछा के राजा राम से लेकर रामेश्वरम के भक्त राम तक और शबरी के प्रभु राम से लेकर मिथिला के पाहुन रामजी तक भारत के हर घर में हर व्यक्ति के मन में और कण कण में राम हैं लेकिन गुलामी की मानसिकता इतनी हावी हो गई कि प्रभु राम को भी काल्पनिक घोषित किया जाने लगा। अगर हम ठान लें तो अगले 10 साल में मानसिक गुलामी से मुक्ति पा लेंगे और तब जाकर ऐसी ज्वाला प्रज्जविल होगी, ऐसा आत्मविश्वास बढ़ेगा कि 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा होने से भारत को कोई रोक नहीं पाएगा।

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