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पीएम मोदी ने गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का किया उद्घाटन

गुवाहाटी। पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर असम पहुंचे हैं। यहां उन्होंने शनिवार को लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एलजीबीआईए) के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि असम की धरती से मेरा लगाव, यहां के लोगों का प्यार और स्नेह और खासकर असम व पूर्वोत्तर की माताओं और बहनों का अपनापन मुझे लगातार प्रेरित करता है और पूर्वोत्तर के विकास को ताकत देता है। आज एक बार फिर असम के विकास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक, वर्ल्ड-क्लास एयरपोर्ट सुविधाएं किसी भी राज्य के लिए नई संभावनाएं और अवसर खोलती हैं। वे किसी राज्य के बढ़ते आत्मविश्वास और उसके लोगों के भरोसे के स्तंभ बन जाते हैं। जब आप असम में ऐसी शानदार सड़कें बनते हुए देखते हैं, तो आप भी कहते हैं कि आखिरकार असम के साथ न्याय होना शुरू हो गया है। असम और नॉर्थ-ईस्ट का विकास कभी भी कांग्रेस के एजेंडे का हिस्सा नहीं था। जैसे असम में विशाल ब्रह्मपुत्र की धाराएं कभी नहीं रुकतीं, वैसे ही भाजपा की डबल इंजन सरकार में यहां विकास की धारा अनवरत बह रही है। आज यहां लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन हमारे इस संकल्प का प्रमाण है। मैं सभी असमवासियों को और देशवासियों को इस नए टर्मिनल भवन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जैसे ही कोई इस नए एयरपोर्ट टर्मिनल में कदम रखता है, विकास और विरासत के मंत्र का असली मतलब साफ़ दिखाई देता है। इस एयरपोर्ट को असम की प्रकृति और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। यह टर्मिनल हरियाली से भरा है, और यहां आने वाले हर यात्री को शांति और आराम का एहसास होगा। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2014 से पहले, हमारे देश में एक ऐसा कानून था जो बांस को काटने की इजाज़त नहीं देता था क्योंकि इसे पेड़ माना जाता था, जबकि दुनिया बांस को एक पौधा मानती है। हमने उस कानून को हटा दिया और बांस को घास की कैटेगरी में रखकर उसे सही पहचान दी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। पिछले 11 सालों में, इस बदलाव में सबसे बड़ा योगदान आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का रहा है। हम 2047 की तैयारी कर रहे हैं। विकसित भारत के इस मिशन में, देश के हर राज्य और हर क्षेत्र की अहम भूमिका है। हमने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के जरिए पूर्वोत्तर को प्राथमिकता दी, और आज हम असम को भारत के ‘ईस्टर्न गेटवे’ के रूप में उभरता देख रहे हैं। असम, भारत को आसियान देशों से जोड़ने में एक ब्रिज की भूमिका निभा रहा है, और यह शुरुआत बहुत आगे तक जाएगी। आज असम और पूरा नॉर्थ-ईस्ट भारत के विकास का गेटवे बन रहा है। मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के संकल्प ने इस क्षेत्र की दिशा और किस्मत दोनों को बदल दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर में जहां पहले हिंसा और खून-खराबा होता था, आज वहां 4G और 5G टेक्नोलॉजी के जरिये डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच रही है। जो जिले कभी हिंसाग्रस्त माने जाते थे, आज वे ‘आकांक्षी जिले’ के रूप में विकसित हो रहे हैं। आने वाले समय में यही इलाके इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बनेंगे। इसलिए आज नॉर्थ ईस्ट को लेकर एक नया भरोसा जगा है।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास उनके एजेंडे में ही नहीं था। कांग्रेस की सरकारों में बैठे लोग कहते थे कि असम और पूर्वोत्तर में जाता ही कौन है? उनकी सोच थी कि असम और पूर्वोत्तर को आधुनिक एयरपोर्ट, बेहतर रेलवे और हाईवे की क्या जरूरत है। इसी सोच की वजह से कांग्रेस ने दशकों तक इस पूरे क्षेत्र की उपेक्षा की। कांग्रेस दशकों तक जो गलतियां करती रही, मोदी एक एक करके उन गलतियां को सुधार रहा है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने इस इलाके की पहचान को ही मिटाने की कोशिश करके एक और बड़ी गलती की। इस गलत काम की जड़ें आज़ादी से पहले के समय तक जाती हैं। जिस समय मुस्लिम लीग और अंग्रेज़ भारत के बंटवारे की ज़मीन तैयार कर रहे थे, उसी समय असम को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की भी योजना थी। कांग्रेस उस साज़िश का हिस्सा बनने की ओर बढ़ रही थी। तभी बोरदोलोई जी अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हुए और असम को देश से अलग होने से बचाया।

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने घुसपैठ रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अवैध घुसपैठियों को देश से निकालने के साथ-साथ उनकी पहचान भी की जा रही है। हालांकि, कांग्रेस ने देश विरोधी एजेंडा अपनाया है। देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी घुसपैठियों को हटाने की बात कही है, फिर भी उनके वकील कोर्ट में घुसपैठियों को रहने देने के बारे में बहस करते हैं।

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