आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस पर बोले पीएम मोदी- पिछले 10 सालों में जो भी हुआ वो ट्रेलर था, अभी...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मुंबई में आयोजित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 90वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फरणवीस, अजीत पवार और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने 90 रुपये का एक स्मारक सिक्का भी जारी किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत का रिजर्व बैंक एक ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंचा है। आरबीआई ने अपने 90 साल पूरे किए हैं। एक संस्थान के रूप में आरबीआई आजादी के पहले और आजादी के बाद का गवाह है। आज पूरी दुनिया में आरबीआई की पहचान उसके प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट की वजह से बनी है। मैं आप सभी को आरबीआई की स्थापना के 90 साल पूरे होने की बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 सालों में जो भी हुआ, वह मात्र एक ट्रेलर है। देश को अभी और आगे लेकर जाना है और अभी बहुत कुछ करना बाकी है। माना जा रहा है कि इस बात से उनका संकेत विजन 2047 की तरफ था जो पीएम ने विकसित भारत के लिए संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इस समय जो लोग आरबीआई से जुड़े हैं, उन्हें मैं बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज आप जो नीतियां बनाएंगे, जो काम करेंगे उनसे आरबीआई के अगले दशक की दिशा तय होगी। ये दशक इस संस्थान को उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है और ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने समय-समय पर अपनी विश्वसनीयता साबित की है और विश्व के कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंक के सामने आरबीआई ने अपने कामकाज को बेहतर साबित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि अगले 10 साल के टारगेट को तय करते हुए हमें एक बात और ध्यान रखनी है। वो है भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को। भारत आज दुनिया के सबसे युवा देश में से एक है। इस युवा आकांक्षाओं को पूरा करने में आरबीआई का अहम रोल है। आज देश देख रहा है- जब नीयत सही होती है, तो नीति सही होती है। जब नीति सही होती है, तो निर्णय सही होते हैं और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं।
उन्होंने आगे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं जब 2014 में रिजर्व बैंक के 80वें वर्ष के कार्यक्रम में आया था, तब हालात एकदम अलग थे। भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था। एनपीए को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था और आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में एक मजबूत और टिकाऊ प्रणाली माना जा रहा है। जो बैंकिंग सिस्टम कभी डूबने की कगार पर था, वो बैंकिंग सिस्टम अब प्रॉफिट में आ गया है और क्रेडिट में रिकॉर्ड वृद्धि दिखा रहा है।
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