
क्रिसमस का नाम आते ही दिल में बचपन की मासूम खुशियां, सेंटा के तोहफे और हंसी से भरी यादें ताज़ा हो जाती हैं। इस खास मौके पर सन नियो की अभिनेत्रियां भी अपनी यादों की पोटली खोलती नजर आईं। ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ की मेघा रे, ‘सत्या साची’ की अनंदिता साहू और प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी की गौरी शेलगांवकर ने अपने बचपन, स्कूल-कॉलेज के जश्न और उन नन्हे-नन्हे लम्हों को याद किया, जिन्होंने उनके लिए क्रिसमस को हमेशा खास बना दिया।
‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ शो की अभिनेत्री मेघा रे ने कहा, “जैसे ही दिसंबर शुरू होता, मैं क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार करने लगती थी। मेरे लिए क्रिसमस हमेशा मस्ती और उत्साह से भरा होता था। मुझे याद है कि मैं तकिए के नीचे एक मोज़ा रखती थी, यह सोचकर कि सेंटा हर साल तोहफे देकर जाएगा और सुबह सच में वहां तोहफे मिलते थे। बाद में समझ आया कि बस मेरी मुस्कान देखने के लिए वो तोहफे मेरे माता-पिता रखते थे। वह मासूमियत बहुत खास थी। इस साल मेरे सन नियो के शो ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी ‘ के सेट पर बच्चे हैं, इसलिए हम उनके साथ क्रिसमस मनाने और नई यादें बनाने की तैयारी कर रहे हैं।”

‘सत्या साची’ में सत्या का किरदार निभा रहीं अभिनेत्री आनंदिता साहू ने बताया, “ओडिशा में क्रिसमस मनाना मेरे लिए हमेशा बहुत खास रहा है। यहां का माहौल बेहद सिंपल सोबर और प्यार भरा होता है। बचपन में चर्च जाना, कैरल्स सुनना और उस सुकून भरे वातावरण को महसूस करना आज भी दिल में बसा हुआ है। सबसे खूबसूरत बात यह है कि यहां लोग धर्म से ऊपर उठकर साथ मिलकर क्रिसमस मनाते हैं। ओडिशा की यही सादगी और अपनापन मेरे दिल के सबसे करीब है।”
वहीं प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी की अभिनेत्री गौरी शेलगांवकर ने कहा, “क्रिसमस मुझे हमेशा मेरे बचपन और स्कूल के दिनों की याद दिलाता है। क्लासरूम सजाना, केक बांटना और स्कूल की क्रिसमस असेंबली में सेंटा का इंतजार करना। ये छोटे-छोटे पल बहुत खुशी से भरे होते थे। स्कूल में यूनिफॉर्म नहीं पहननी पड़ती थी, जिससे दिन और भी मजेदार हो जाता था। अब हम आमतौर पर दोस्तों के साथ डिनर पर जाते हैं या किसी के घर मिलकर गेम्स खेलते और खूब मजे करते हैं हैं। इस साल शायद ऐसा न करते हुए मैं अपने मौजूदा शो ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ की शूटिंग के बीच वहां मौजूद लोगों के साथ यह ख़ास दिन सेलिब्रेट करुँगी।”
देखते रहिए ‘दिव्य प्रेम: प्यार और रहस्य की कहानी’ शाम 7:30 बजे, ‘सत्या साची ‘ रात 8:00 बजे और ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ रात 9:00 बजे, सिर्फ सन नियो पर।




