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प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए लिखी जा रही है नई इबारत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक लाख 34 हजार किसानों के खातों में अंतरित की 249 करोड़ रुपए की भावांतर राशि
264 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण भी किया
देपालपुर क्षेत्र के लिए ढाई हजार करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों की घोषणा भी की

इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि प्रदेश के किसानों को उनकी सोयाबीन उपज की भावांतर राशि अंतरित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में किसानों के कल्याण, उत्थान और आर्थिक समृद्धि के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर जिले के गौतमपुरा में आयोजित विशाल व भव्य कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से भावांतर योजना के अंतर्गत एक लाख 34 हजार किसानों के खातों में 249 करोड रुपए की राशि अंतरित की। साथ ही कार्यक्रम में उन्होंने इंगोरिया-देपालपुर सड़क मार्ग का भूमि पूजन भी किया। इसे मिलाकर उन्होंने 264 करोड रुपए के विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने देपालपुर और गौतमपुरा क्षेत्र के लिए ढाई हजार करोड रुपए के विकास कार्यों की घोषणा भी की।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, सांसद श्री शंकर लालवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रीना मालवीय, विधायक श्री मनोज पटेल तथा श्री जितेंद्र पंड्या, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष श्री सावन सोनकर, श्री श्रवण चावड़ा, संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, कलेक्टर श्री शिवम वर्मा, डीआईजी श्री मनोज सिंह, पुलिस अधीक्षक यांगचेन भूटिया सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज इंदौर जिले के देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के गौतमपुरा में आयोजित भावांतर राशि वितरण कार्यक्रम तथा जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मालवा की धरती गहन , गंभीर और समृद्ध विरासत से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मालवा क्षेत्र में पग-पग पर रोटी और डग-डग पर नीर की परंपरा दिखाई देती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां माल है, वही मालवा है और मालवा की जनता अपने श्रम, व्यापार, संस्कृति और आध्यात्मिकता के लिए विशिष्ट पहचान रखती है। उन्होंने इंदौर को व्यापार के क्षेत्र में अद्वितीय बताते हुए कहा कि इंदौर पूरे प्रदेश की आर्थिक धुरी है, वहीं उज्जैन की महांकाल नगरी तपस्या, साधना और अध्यात्म का अद्भुत केंद्र है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अवंतिका क्षेत्र की प्राचीन परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने भी इसी पवित्र क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण की थी और 84 कोस का अवंतिका क्षेत्र सभी युगों में पूज्य और सम्मानित रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे व्यापक परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि 2014 के बाद विकास के क्षेत्र में देश ने नई दिशा प्राप्त की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाडली बहना योजना पर शंका व्यक्त की गई थी, परंतु प्रदेश सरकार ने बहनों के लिए राशि न केवल नियमित रूप से प्रदान की, बल्कि समय-समय पर इसमें वृद्धि भी की है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में बहनों और मातृशक्ति को सम्मान दिया गया है और बहनों के हाथ में राशि पहुंचना परिवार की समृद्धि का कारण बनता है।

मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में लागू योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं और अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन पर भी किसानों को भावांतर योजना के माध्यम से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक अतिरिक्त लाभ दिया गया है। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के 1 लाख 34 हजार किसानों के खातों में 249 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है। इसी माह 13 नवंबर को भी 1 लाख 33 हजार किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार किसानों के हित में सतत कार्य कर रही है और भावांतर योजना के अंतर्गत किसी किसान को कोई कठिनाई नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की महत्वपूर्ण घोषणाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देपालपुर क्षेत्र के लिए 1,538 करोड़ रुपये की चंबल व मान नदी आधारित लिफ्ट जल प्रदाय एवं सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसके माध्यम से 27,000 हेक्टेयर क्षेत्र और 75 गांवों को सिंचाई व पेयजल का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना किसानों की उन्नति और ग्रामीण क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने जनसभा में उपस्थित बड़ी संख्या में नागरिकों की मांग पर इंदौर-देपालपुर मार्ग के फोर लेन निर्माण की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि लगभग 37 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को 745 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा, जिससे इंदौर एयरपोर्ट, देपालपुर, इंगोरिया, उज्जैन तथा दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर तक बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगे कहा कि गौतमपुरा क्षेत्र के युवाओं की मांग के अनुरूप यहां एक नवीन कॉलेज की स्थापना की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा तथा क्षेत्र में उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों के लिए बिजली बिल में राहत देने हेतु पांच एचपी तक के पंपों पर मात्र 10 प्रतिशत राशि ही किसानों से ली जाएगी तथा सोलर पंपों के माध्यम से “अपनी बिजली–अपना खेत” जैसी स्थायी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन-ओंकारेश्वर-इंदौर क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा प्रारंभ हो चुकी है, जिससे श्रद्धालुओं को अल्प समय में दर्शन सुविधा प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, जल, चौड़ीकरण, पुल, सिंचाई और स्वास्थ्य संबंधी अनेक योजनाएं तेज गति से चल रही हैं और विकास का यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देपालपुर और गौतमपुरा क्षेत्र के लिए घोषित की गई विभिन्न योजनाएं—सिंचाई परियोजना, फोर लेन सड़क, कॉलेज, स्वास्थ्य संस्थान एवं अन्य विकास कार्य—प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनसभा में उपस्थित नागरिकों, किसानों, बहनों एवं युवाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश को प्रत्येक क्षेत्र में नंबर-वन बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। जनता का सहयोग और विश्वास ही सरकार की शक्ति है और उनके साथ विकास का संबंध आजीवन बना रहेगा।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विधायक श्री मनोज पटेल ने देपालपुर क्षेत्र में क्रियान्वित योजनाओं और हो रहे विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने देपालपुर के गौतमपुरा में नवीन कॉलेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित इंदौर-देपालपुर रोड को फोरलेन करने की आवश्यकता भी बताई।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम के दौरान लगाई गई कृषि संबंधी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान, लाडली बहनायें, और अन्य ग्रामीण जन मौजूद थे।

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