
नगरीय निकायों और पंचायतों के बीच बेहतर समन्वय से ही होगा समग्र विकास
भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश के सुनियोजित विकास के लिये शहरी क्षेत्र से जुड़ी ग्राम पंचायतों के विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ग्राम पंचायतों की अवैध कॉलोनियाँ जनता के लिये समस्या बन जाती हैं। इन पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए। मंत्री श्री विजयवर्गीय सोमवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में पंचायत प्रतिनिधियों एवं राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह भी मौजूद थी।
मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 को लेकर विकसित भारत की कल्पना की है। हम उनकी कल्पना को प्रदेश में तभी सकार कर सकेंगे जब हम ग्रामीण और शहरी क्षेत्र का इंटीग्रेटेडप्लान तैयार करेंगे। मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी शहरों के साथ ही इनके आसपास की ग्राम पंचायतों को भी प्रभावित करती है। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में 32 प्रतिशत शहरी आबादी है, जो आने वाले समय में बढ़ कर करीब 50 प्रतिशत तक हो जायेगी। इससे चुनौतियां और बढ़ेंगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की शहरी क्षेत्र से लगी ग्राम पंचायतों के अधिकारियों और नगरीय निकायों के अधिकारियों के बीच नियोजित विकास को लेकर समन्वय समिति की बैठक हो। इस बैठक में मास्टर प्लान से जुड़े विशेषज्ञों की भी सलाह ली जाये।
निजी भागीदारी को करें प्रोत्साहित
मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि शहरी क्षेत्र से जुड़ी नगरीय निकायों में विकास कार्यों में प्रायवेट-पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल को प्रोत्साहित किया जाये। इस प्रक्रिया में हम कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड (सीएसआर फंड) का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों को ग्राम पंचायत में स्वच्छ वातावरण के लिये ग्राम और शहर वन को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।
सौर ऊर्जा का हो अधिक उपयोग
मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें सब्सिडी के साथ सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित कर रही है। हमें शत प्रतिशत सौर ग्राम, सौर नगर और सौर जिले कर तरफ बढ़ना होगा। इस प्रयास से हम मध्यप्रदेश को देश में अलग पहचान दे सकते है। बैठक में आश्रय निधि के उपयोग किये जाने पर भी जोर दिया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने पंचायत पदाधिकारियों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रति सजग रहने की बात कही। उन्होंने स्वामित्व योजना के तहत किये जा रहे कार्यों की जानकरी दी। सत्र में शहरी क्षेत्र से लगी ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने सुझाव रखे। कार्यक्रम में बेहतर मास्टर प्लान के साथ आदर्श गांव के विकास के मॉडल की प्रस्तुति दी गई। सत्र में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने कार्यशाला के उद्देश्य की जानकारी दी।




