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किताबों से परे सीख: बिरला ओपन माइंड्स में चरित्र और संवेदनशीलता की पाठशाला

5 सितम्बर, शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि आज के स्कूल केवल किताबों और सूत्रों तक सीमित नहीं हैं। असली शिक्षा वहाँ होती है जहाँ बच्चों को सहानुभूति, समझदारी और जीवन के मूल्य सिखाए जाते हैं। गणित या साहित्य पढ़ना जरूरी है, लेकिन किसी स्कूल की पहचान तभी होती है जब वह बच्चों को जीवन कौशल दे। ऐसे कौशल जो उन्हें आत्मविश्वास और मुस्कान के साथ हर स्थिति का सामना करना सिखाएँ। धैर्य, टीमवर्क, साहस और विनम्रता जैसे गुण शिक्षक ही बच्चों में जगाते हैं। ज़रा सोचिए, एक कक्षा जहाँ हर बातचीत में सहानुभूति झलकती है। बच्चे सीखते हैं कि ध्यान से सुनना या मदद करना कुछ नहीं खर्चता, पर उसका फल हमेशा अनमोल होता है।

शिक्षकों की आवाज़

अनीसा रऊफ शेख, शिक्षक, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल, नाशिक
“बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल में एक शिक्षक के रूप में मुझे यह सौभाग्य मिला है कि मैं नन्हे मनों को गढ़ते हुए उन्हें करुणामयी और जिज्ञासु व्यक्तित्व में बदलते देख सकूँ। जहाँ पाठ्यपुस्तकें सीखने की नींव रखती हैं, वहीं मेरा मानना है कि सबसे मूल्यवान शिक्षा वे हैं जो किताबों के पन्नों से परे मिलती हैं।”

2. अनुपमा आनंद, प्राचार्य, बिरला ओपन माइंड्स प्रीस्कूल, पटेल नगर
“बिरला ओपन माइंड्स में हम अपने शिक्षकों के प्रयासों को अत्यधिक महत्व देते हैं, जो अकादमिक ज्ञान से परे बच्चों में सहानुभूति, जीवन कौशल और मूल्यों का पोषण करते हैं। उनकी निष्ठा यह सुनिश्चित करती है कि हर बच्चा केवल सीखने में ही उत्कृष्ट न बने, बल्कि एक करुणामयी, आत्मविश्वासी और जिम्मेदार इंसान भी बने।”

3. टोलिटो जिमो, शिक्षक, बिरला ओपन माइंड्स प्रीस्कूल, दीमापुर
“लेसंस बियॉन्ड बुक्स हमारे लिए केवल एक वाक्य या नारा नहीं है। यह एक वचन है कि हर बच्चे को देखा, सुना और स्नेह दिया जाएगा। जब कोई बच्चा ‘कृपया’ और ‘धन्यवाद’ कहना सीखता है, या दूसरों की मदद करने का आनंद खोजता है, तब वह ऐसे सबक सीख रहा होता है जिन्हें कोई पाठ्यपुस्तक कभी नहीं सिखा सकती।लेसंस बियॉन्ड बुक्स हमारे जीवन का हिस्सा है, जिसे हम हर दिन जीते हैं।”

4. कुरत हमीद, सेंटर हेड, बिरला ओपन माइंड्स प्रीस्कूल, रंगरेथ
“जैसा अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था—‘शिक्षा तथ्यों का अध्ययन नहीं है, बल्कि सोचने के लिए मस्तिष्क का प्रशिक्षण है।’ हमारी कक्षाओं में बच्चे दयालुता से सुनना, ईमानदारी से व्यक्त करना और सत्यनिष्ठा के साथ आचरण करना सीखते हैं।”

5. पांचाली दासगुप्ता साहू, प्राचार्य, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल, एल. बी. नगर
“शिक्षकों ने विद्यार्थियों को जीवन के उन अनुभवों से गुज़ारने का अथक प्रयास किया है, जो आगे के वर्षों में उनके सामने आ सकते हैं। अपेक्षा यह है कि विद्यार्थी हर परिस्थिति में मज़बूती से खड़े हों और जीवन की कठिनाइयों से निर्भीक होकर जूझें।”

6. जूनियर बिक्वे, शिक्षक, बिरला ओपन माइंड्स प्रीस्कूल, मोहाली
“सहानुभूति का अर्थ है स्वयं को किसी और की स्थिति में रखना और उनकी दृष्टि से जीवन को देखना। कहानी कहने, भूमिका-निवर्तन और संवादात्मक गतिविधियाँ बच्चों को विविधता की सराहना करना और दूसरों की परवाह करना सिखाती हैं। इन पहलों से एक करुणामयी समाज के निर्माण में योगदान मिलता है।”

7. अर्ज़ीना शेख, शिक्षक, बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल, नाशिक
“जैसा कि महान कवि रॉबर्ट फ़्रॉस्ट ने कहा था-‘मैंने वह मार्ग चुना जिस पर कम लोग चले थे और उसी ने सब फर्क पैदा किया।’ आपका मार्ग अन्वेषण, दृढ़ता और उद्देश्य से भरा हो, ताकि आप एक असाधारण जीवन की कथा लिख सकें। शिक्षक सचमुच दीपक के समान होते हैं वे स्वयं को जलाकर दूसरों का मार्ग रोशन करते हैं।”

 

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