
कुल 203 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में पंजीकरण कराया
भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने 21 अप्रैल 2025 को अपने कार्यकारी प्रबंधन कार्यक्रम – मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (ईएमपी–एमएमएस) के दूसरे बैच की शुरुआत की। बैच का उदघाटन आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने किया। कार्यक्रम में प्रो. मनोज मोतियानी, एसोसिएट डीन – एग्जीक्यूटिव एजुकेशन; प्रो. निशित कुमार सिन्हा, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर; तथा टाइम्स-प्रो के बिज़नेस हेड श्री श्रीधर नागराजाचार भी उपस्थित रहे।
अपने उद्घाटन भाषण में प्रो. हिमांशु राय ने सभी प्रतिभागियों को इस परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत के लिए हार्दिक बधाई दी। उन्होंने प्रतिभागियों को आने वाले दो वर्षों का भरपूर लाभ उठाने की सलाह दी और कहा कि सीखने का वास्तविक मूल्य तभी है जब उसे लागू किया जाए और साझा किया जाए। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम उद्योग और देश की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
प्रो. राय ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे केवल पाठ्यक्रम से ही नहीं, बल्कि अपने साथियों के विविध अनुभवों से भी सीखें। उन्होंने कहा, “हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन तक पहुँच बनाना और उनका उपयोग करना आपकी ज़िम्मेदारी है। अपने आस-पास की बुद्धिमत्ता को स्वीकार करें और खुले दिल व दिमाग से सभी से संवाद करें, तभी ज्ञानार्जन कर सकेंगे और सफल हो सकेंगे।” उन्होंने प्रभावी संप्रेषण, ज्ञान के क्रियान्वयन, और दूसरों को आगे बढ़ाने की महत्ता पर बल दिया।
प्रो. राय ने कहा, “साहसी बनें-क्योंकि साहस के बिना ईमानदारी और नैतिकता संभव नहीं। रास्ता कठिन होगा, लेकिन जो कभी हार नहीं मानते, वही सच्चे विजेता होते हैं।”
श्री श्रीधर नगराजाचार ने भी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया कठिन थी और इसमें सफल होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यह समूह दीर्घकालिक और सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता रखता है। उन्होंने प्रतिभागियों से केस आधारित शिक्षण पद्धति में सक्रिय भागीदारी निभाने, अपने साथियों से सीखने और दीर्घकालिक संबंध बनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम समन्वयक प्रो. निशित कुमार सिन्हा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए एमएमएस कार्यक्रम की रूपांतरणकारी प्रकृति और इसके भविष्य के नेतृत्व निर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम आधुनिक व्यापार जगत की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है, जो कामकाजी पेशेवरों को रणनीतिक सोच, नेतृत्व कौशल और प्रबंधकीय दक्षता प्रदान करता है।
कार्यक्रम का समापन प्रो. मनोज मोतियानी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने आईआईएम इंदौर की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि संस्थान प्रासंगिक, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु संकल्पित है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि इस यात्रा का परिणाम संसाधनों से अधिक उनकी प्रतिबद्धता से तय होगा।
यह बैच 203 प्रतिभागियों का एक विविध और जीवंत समूह है। इसमें 62% पुरुष और 38% महिलाएं हैं, जो लिंग विविधता को दर्शाता है। शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुसार 63% प्रतिभागी इंजीनियरिंग, 16% वित्त, 7% कला, 6% प्रबंधन, 6% विज्ञान और 2% आईटी क्षेत्र से हैं। इस बैच में 24 विभिन्न उद्योगों का प्रतिनिधित्व है, जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, विपणन/बिक्री, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, परामर्श, निर्माण, मानव संसाधन, खाद्य एवं पेय, खुदरा, ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, रसायन, आतिथ्य और अनुसंधान क्षेत्र शामिल हैं। प्रतिभागी भारत के 17 राज्यों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, पश्चिम बंगाल आदि से हैं, जो कार्यक्रम की अखिल भारतीय उपयुक्तता को दर्शाता है।
एमएमएस कार्यक्रम कामकाजी पेशेवरों के लिए तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य नेतृत्व क्षमता, रणनीतिक सोच और व्यवसायिक दक्षता को विकसित करना है। इसमें अर्थशास्त्र, वित्त, रणनीति और संचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसे ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों के मिश्रण से पढ़ाया जाता है। यह कार्यक्रम अनुकूलनशीलता के साथ वास्तविक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है, ताकि प्रतिभागी आज के गतिशील व्यावसायिक परिवेश में प्रभावी ढंग से नेतृत्व कर सकें। प्रतिभागियों की उत्साही भागीदारी इस कार्यक्रम की लोकप्रियता और प्रासंगिकता को दर्शाती है।
आईआईएम इंदौर उच्च गुणवत्ता वाली कार्यकारी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो पेशेवरों को नैतिक, रणनीतिक और दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता बनने में सक्षम बनाती है।