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पाकिस्तान के मदरसे में आत्मघाती धमाका, 5 लोगों की मौत, 20 घायल

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में आत्मघाती हमला हुआ है। यह धमाका शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान हुआ, जिसमें जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सामी) के प्रमुख मौलाना हमीदुल हक हक्कानी समेत कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 20 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।

खैबर पख्तूनख्वा के मुख्य सचिव शाहब अली शाह ने इस हमले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मरने वालों में मदरसे के केयरटेकर भी शामिल हैं। इस धमाके के तुरंत बाद इलाके में दहशत फैल गई और सुरक्षा एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंच गईं।

खैबर पख्तूनख्वा के आईजीपी जुल्फिकार हमीद ने कहा, शुरुआती जांच के आधार पर इसे आत्मघाती हमला माना जा रहा है। हमलावर ने मौलाना हमीदुल हक को निशाना बनाया था, जिनकी सुरक्षा के लिए छह गार्ड तैनात किए गए थे। इसके बावजूद हमलावर ने जुमे की नमाज के दौरान हमला कर दिया।

धमाके की जानकारी मिलते ही तुरंत पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, और घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया। घटना के मद्देनजर दोनों अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया और जेयूआईएफ नेताओं ने घायलों के लिए रक्तदान की अपील की।

हमले के बाद खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर और राज्यपाल फैसल करीम कुंदी ने कहा कि सरकार दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। पूरे प्रांत में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इस हमले के बाद धार्मिक और राजनीतिक हलकों में गहरी चिंता जताई जा रही है। क्योंकि इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता को दर्शाती है।

आपको बता दें कि दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा पाकिस्तान का एक प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान है, जिसकी स्थापना सितंबर 1947 में मौलाना अब्दुल हक हक्कानी ने की थी. इस मदरसे का संबंध कई विवादों से भी रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में इसके छात्रों के शामिल होने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, मदरसे के प्रशासन ने इस तरह के आरोपों को खारिज कर दिया था। मौलाना हमीदुल हक हक्कानी, जो इस मदरसे के कुलपति भी थे, अपने पिता मौलाना समीउल हक की हत्या के बाद से इस संस्थान का नेतृत्व कर रहे थे।

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