उत्तर प्रदेशराज्य

पूरे देश में बिजली की सर्वाधिक पीक डिमाण्ड सकुशल पूरा करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश

आने वाले समय में राज्य को जितनी भी बिजली की जरूरत होगी दी जाएगी
मंगलवार को प्रदेश में विद्युत की 30,940 मेगावॉट की अप्रत्याशित मांग को पूरा किया गया
प्रदेश के अवशेष 19,530 मजरों का विद्युतीकरण वर्ष 2026 तक हो जायेगा पूर्ण
विपक्ष की सरकारों द्वारा अंधेरे में छोड़े गये लाखों मजरों एवं करोड़ों घरों तक वर्तमान सरकार पहुंचायी बिजली
दुरूह वनीय क्षेत्रों, दुर्गम पहाड़ों, नदी मुहानों, तराई क्षेत्रों में भी सौर ऊर्जा के माध्यम से कराया जा रहा विद्युतीकरण
विपरीत परिस्थितियों, आंधी-तूफान, बरसात, बाढ़ के बावजूद भी हो रही सूचारू विद्युत आपूर्ति
प्रदेश में गरीब उपभोक्ताओं को विद्युत बिलों में मिल रही 53 प्रतिशत की छूट
यह छूट गांव के गरीब उपभोक्ताओं को वर्तमान सरकार ने दी – ऊर्जा मंत्री श्री एके शर्मा

Rajesh Sharma लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष श्री माता प्रसाद पांडेय द्वारा लगाए गए आरोप कि प्रदेश सरकार मजारों का ऊर्जीकरण करती जा रही, लेकिन विद्युत उत्पादन पर ध्यान नहीं दे रही, लगातार विद्युत कटौती हो रही है, का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है आने वाले समय में राज्य को जितनी भी बिजली की जरूरत होगी, उतनी दी जाएगी। अभी भी गांवों में 18 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 21ः30 घंटे तथा जिला व मंडल मुख्यालयों, औद्योगिक क्षेत्रों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। मंगलवार की रात को प्रदेश में विद्युत की अप्रत्याशित मांग 30,940 मेगावाट थी, इसमें से मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत मांग को नहीं पूरा किया जा सका, जबकि इस मांग के सापेक्ष 29,680 मेगावाट विद्युत आपूर्ति को सकुशल पूरा किया गया। पूरे देश में बिजली की सर्वाधिक पीक डिमांड को पूरा करने वाला एक मात्र राज्य उत्तर प्रदेश है। बरसात में कोयला भीगा होने से प्लांट ट्रिप हो जा रहे। विपरीत परिस्थितियों में भी बाढ़,बरसात, आंधी व तूफान के मौसम में जहां कि लाइन ट्रिप हो रही हो, विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर व कई सब स्टेशन पानी में डूबे हो ऐसी स्थिति में भी प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा गया है, जबकि विद्युत आपूर्ति एक तकनीक आधारित व्यवस्था है, फिर भी विद्युत कार्मिक दिन रात परिश्रम कर विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए है। ट्रांसफार्मर लगाने में विलंब पर उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी ऐसी शिकायतें हो, उसे उपलब्ध कराए, जिन कार्मिकों ने ट्रांसफार्मर को बदलने में निश्चित समय अवधि का पालन नहीं किया, उन पर कार्रवाई की जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष के सदस्य अनिल प्रधान द्वारा पूछे गए सवाल कि प्रदेश के वंचित क्षेत्रों का विद्युतीकरण कब होगा का जवाब देते हुए कहा कि सपा कांग्रेस शासन के दौरान 1.50 लाख जो मजरे अंधेरे में छोड़े गए ऐसे लाखों मजरों और करोड़ों घरों तक बिजली पहुंचाई गई है। इसमें से 1.21 लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण कराया जा चुका है, डेढ़ करोड़ से अधिक घरों को विद्युत कनेक्शन देकर रोशन किया गया। अभी भी 19,530 मजरो में विद्युतीकरण कराना बाकी है, इसमें पूर्वांचल में 8114 मजरे, मध्यांचल में 8804 मजरे, दक्षिणांचल में 2585 मजरों का विद्युतीकरण होना है, इसके लिए 917 करोड रुपए से कार्य कराया जाना है और वर्ष 2026 तक इस विद्युतीकरण के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ऐसे क्षेत्रों का भी विद्युतीकरण करवा रही, जहां पर विद्युत तंत्र विकसित करना संभव नहीं है, जैसे की वनीय क्षेत्र, पहाड़ों, नदियों के मुहानों, तराई क्षेत्रों का सौर ऊर्जा के माध्यम से व्यापक स्तर पर विद्युतीकरण कराया जा रहा है।

ऊर्जा मंत्री ने विपक्ष के सदस्य राम सिंह पटेल के सवाल की प्रदेश सरकार गरीब, बीपीएल कार्डधारक विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों पर छूट देगी का जवाब देते हुए सदन को बताया कि बीपीएल उपभोक्ता को पहले से ही 53 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। यह छूट विद्युत के फिक्स चार्ज में जो कि 110 रूपये होता है। मात्र 50 रूपये लिए जाते हैं और एनर्जी चार्ज जो कि 6.50 रुपये होता है मात्र 3.00 रुपये लिये जा रहे हैं। इसमें प्रदेश के 1.07 करोड़ उपभोक्ताओं को काफी समय से इसका लाभ मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह बिजली खपत पर इसका लाभ दिया जा रहा है, जबकि अन्य प्रदेशों में बीपीएल को गुजरात में 50 यूनिट, राजस्थान में 50 यूनिट, महाराष्ट्र में 30 यूनिट, मध्य प्रदेश में 30 यूनिट, उड़ीसा में 30 यूनिट व हिमाचल प्रदेश में 60 यूनिट बिजली की छूट दी रही है। जबकि उत्तर प्रदेशमें ऐसे उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बजली पर छूट दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में प्रति यूनिट पर सबसे ज्यादा सब्सिडी भी दी रही है। जबकि राजस्थान में बीपीएल उपभोक्ताओं को 3.50 रुपये तथा मध्य प्रदेश में 3.24 रुपये सब्सिडी दी जा रही है। वर्ष 2017 से पहले इस प्रकार की छूट मात्र शहरी उपभोक्ताओं को मिलती थी। इसके पश्चात 30 नवम्बर, 2017 से प्रदेश की वर्तमान सरकार ने इस प्रकार की व्यवस्था को ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू किया।

Related Articles

Back to top button