
नई दिल्ली। मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। वहीं कांग्रेस नेता ने बताया कि मणिपुर के बिगड़ते हालात को काबू लाने के लिए उन्होंने मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने कहा कि जातीय हिंसा के कारण करीब 100 लोग मारे गए हैं और कई लापता हो गए हैं।
कांग्रेस द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि 2000 से अधिक घरों को या तो जला दिया गया है या नष्ट कर दिया गया है। महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 10000 लोग अभी भी राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों में उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं के बिना रह रहे हैं। हजारों लोग बेघर और विस्थापित हो गए हैं। लगभग सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं।
उन लोगों की तत्काल पहचान करने की आवश्यकता है जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और उनके शवों को अंतिम संस्कार के लिए शोक संतप्त परिवारों को सौंपने की आवश्यकता है। कई लापता लोगों का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। बड़ी संख्या में बच्चे हैं। राहत शिविरों में रहने और विस्थापित परिवारों के छात्रों की शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।
अधिकारियों का कहना है कि केंद्र और मणिपुर राज्य सरकार ने मणिपुर हिंसा में मरने वाले लोगों के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी। साथ ही किसी परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। बता दें कि मणिपुर में जारी हिंसा रुकने का नाम ही नहीं ले रही। अभी भी कई जगहों से हिंसक घटनाओं की खबर आ रही है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में रविवार को दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।