
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव से पहले हंगामा हो गया है। मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सदन में हंगामा किया। आप के पार्षदों का कहना है कि मनोनीत पार्षद गैरकानूनी तरीके से सदन में भेजे गए हैं उनको शपथ नहीं दिलाई जानी चाहिए। सदन में भाजपा और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
सदन में हंगामे के बाद कार्यवाही रोक दी गई है। पर्षदों को शपथ दिलाने की प्रक्रिया भी रुक गई है। आम आदमी पार्टी ने आशु ठाकुर के साथ दो उम्मीदवारों शैली ओबेरॉय को मैदान में उतारा है। शालीमार बाग से तीन बार की पार्षद रेखा गुप्ता मेयर चुनाव के लिए भाजपा की उम्मीदवार हैं। आप ने डिप्टी मेयर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल और जलज कुमार को राम नगर पार्षद कमल बागरी के खिलाफ खड़ा किया है।
नंबर के लिहाज से शैली ओबेरॉय का चुना जाना तय लग रहा है। लेकिन मेयर चुनाव में व्हिप लागू नहीं होगा। क्रॉस वोटिंग को लेकर दोनों पार्टियां सतर्कता बरत रही हैं। हालांकि आज भारी हंगामे के चलते वोटिंग की प्रक्रिया टाली गई है।
आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि बीजेपी मनोनीत पार्षदों को भी मेयर चुनाव में वोट डलवाने की साजिश रच रही है। अगर वाकई मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार मिल जाता है तो क्या होगा? कांग्रेस के बायकॉट के बाद एमसीडी में कुल वोट की संख्या 265 और बहुमत का आंकड़ा 133 है। अभी जो नंबर गेम है, उसके मुताबिक बीजेपी के पास कुल 112 वोट हैं। लेकिन अगर इन दस मनोनीत पार्षदों को भी जोड़ दिया जाए तो बीजेपी के कुल वोट की संख्या 122 तक पहुंच जाएगी। ऐसे हालात में बीजेपी को बहुमत के लिए और 11 वोट की जरूरत पड़ेगी।
दिल्ली एमसीडी में कुल सीटों की संख्या 250 है, लेकिन कुल वोट की संख्या 274 है। कांग्रेस ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो वोटिंग का बहिष्कार करेगी। MCD चुनाव में कांग्रेस के 9 पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं। अगर इन 9 पार्षदों को हटा दें तो एमसीडी में कुल वोट की संख्या 265 रह जाएगी। इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 133 होगा। अब बीजेपी के कुल वोट की बात करें तो उसके 104 पार्षद चुनाव जीते हैं। इसके अलावा बीजेपी के एक विधायक और सात लोकसभा सांसदों को वोटिंग का अधिकार है। इन सभी को मिला दें तो बीजेपी के कुल वोट की संख्या 112 हो जाती है। इस हालात में भी बीजेपी बहुमत के आंकड़े से 21 दूर है।